शोध में खुलासा, ज्यादा सफाई से भी हो सकता है डायबिटीज

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसकी चपेट में आज के समय में सबसे ज्यादा लोग आ रहे हैं।
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शोध में खुलासा, ज्यादा सफाई से भी हो सकता है डायबिटीज


डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसकी चपेट में आज के समय में सबसे ज्यादा लोग आ रहे हैं। अब तक इस बीमारी के होने के दो कारण माने जाते थे। एक तो यह कहा जाता है कि यह लाइफस्टाइल से जुड़ी हुई एक बीमारी है और दूसरा डायबिटीज होने का खतरा जेनेटिक भी होता है। हाल ही में आई एक रिसर्च में साफ हुआ है कि ज्यादा साफ-सफाई रखने वाले लोगों को भी डायबिटीज होने का खतरा रहता है। 

शोधकर्ताओं का कहना है कि साफ-सुथरे वातावरण में भी डायबिटीज होने का खतरा रहता है। ब्रिटिश के शोधकर्ताओं के अनुसार बचपन में बैक्टीरिया और वायरस रहित वातावरण आगे जाकर हाई ब्लड प्रेशर और उससे संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। अध्ययन के मुताबिक बचपन के दौरान शरीर में ऐसे 'ह्यूमन फ्रेंडली' बैक्टीरिया विकसित होते हैं जो टाइप 1 डायबिटीज से लड़ने में मददगार होते हैं। इनके चलते प्रतिरक्षा तंत्र कोशिकाओं को इंसुलिन बनाने के लिए प्रेरित करता है। उल्लेखनीय है कि ये बैक्टीरिया आंतों में विकसित होते हैं।

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बैक्टीरिया का प्रतिरक्षा तंत्र पर प्रभाव जानने के लिए शोधकर्ताओं ने चूहों पर प्रयोग किया। जिन चूहों को बचपन में बैक्टीरिया मुक्त वातावरण में रखा गया था उनमें आगे चलकर गंभीर डायबिटीज पाई गई। इसके विपरीत जिन चूहों को शुरू से बैक्टीरिया वाले माहौल में रखा गया तो आगे जाकर उनमें आश्चर्यजनक रूप से डायबिटीज का खतरा कम देखा गया। ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी की प्रमुख शोधकर्ता सुजेन वांग के मुताबिक आंतों में पाए जाने वाले ह्यूमन फ्रेंडली बैक्टीरिया और प्रतिरक्षा तंत्र के बीच गहरा संबंध है। सुजेन ने कहा कि अब हम इस बात की खोज में लगे हैं कि यह बैक्टीरिया किस तरह से प्रतिरक्षा तंत्र को सक्रिय कर टाइप 1 डायबिटीज को रोकने में सफल होता है।

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डायबिटीज के लक्षण

  • बार-बार वॉशरूम जाना
  • ज्यादा पानी पीना
  • वजन का तेजी से घटना
  • बहुत कमजोरी महसूस होना या चक्कर आना
  • भूख लगना
  • हमेशा थका रहना
  • चिड़चिड़ापन आना
  • किसी भी चोट या जख्म का धीरे ठीक होना
  • पैरों में झनझनाहट होना
  • इंफेक्शन का जल्द ठीक ना होना

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