
यदि आप डायबिटीज की दवा का सेवन कर रहे हैं तो हो सकता है आप पर बुढ़ापे का असर देर से हो। अमेरिका में किए गए एक अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने इस बात की उम्मीद जताई है। वैज्ञानिकों ने चूहों पर किए गए एक परीक्षण के बाद बताया कि कम खुराक में दी गई डायबिटीज की दवा में बुढ़ापे को कम करने वाले प्रभाव पाए गए हैं।
इसके साथ ही वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि मेटफॉरमिन दवा में कैलोरी प्रतिबंध में भी कारगर होती है। अमेरिका के मेरीलैंड में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन एजिंग के राफेल डी काबो ने बताया कि प्रयोगशाला में देखा गया कि कैलोरी प्रतिबंध से चूहों के जीवनकाल में इजाफा हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कम कैलोरी वाला आहार लेने से स्वस्थ उम्र को बढ़ती है।
नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका के मुताबिक शोधकर्ताओं ने कहा है कि अध्ययन से यह अभी पूरी तरह साफ नहीं हो सका है कि इसका मनुष्य पर क्या असर होगा। उम्मीद जताई जा रही है कि इसका असर मनुष्यों पर भी होगा। मेटफॉरमिन का सेवन आमतौर पर 40 वर्ष से ज्यादा की उम्र वाले टाइप-2 डायबिटीज से पीडि़त लोग करते हैं। इसके अलावा इसका प्रयोग मेटाबोलिक सिंड्रोम के उपचार में भी होता है जो कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप और मोटापे का संयोजित रूप है।
वैज्ञानिकों ने अपने परीक्षण में दो विभिन्न तरह की खुराकों में से एक खुराक मध्यम आयु के नर चूहे को दी और पाया कि न्यूनतम खुराक से उसके जीवनकाल मे पांच फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई। इसके साथ ही बढ़ती उम्र में होने वाले रोग भी देरी से शुरू हुए। लेकिन मेटफॉरमिन की उच्च खुराक विषाक्त थी और इससे चूहे का जीवनकाल घट गया।
डी काबो ने बताया कि आगे के अध्ययनों में यह पता लगाने की जरूरत थी कि मेटफॉरमिन का मनुष्य के स्वास्थ्य और जीवनकाल पर कोई प्रभाव पड़ता है या नहीं।
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