जब आप किसी बात को लेकर परेशान हों या डिप्रेशन में हों तो ऐसा काम कभी न करें जिससे आप और ज्यादा अवसादग्रस्त हो जाएं, क्योंकि डिप्रेशन शरीर की ऐसी मनोदशा है जिससे हमारी पूरी बॉडी प्रभावित होती है। डिप्रेशन का दूरगामी परिणाम बहुत हानिकारक हो सकता है। हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बता रहे हैं जो डिप्रेशन के दौरान नहीं करना चाहिए।
फास्ट फूड
अगर आप डिप्रेशन या अवसाद में हैं तो ज्यादा पिज्जा, बर्गर आदि जैसे फास्टफूड न खाएं। ऐसे फूड अवसाद कम करने के बजाए बढ़ाते हैं। किशोर और बच्चे वयस्कों की तुलना में अधिक बार पिज्जा खाते हैं लेकिन विशेषज्ञों ने बच्चों में पिज्जा के खपत को कम करने की सलाह दी है, क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य संबंधित जोखिम को बढ़ा सकता है। हालांकि ये हर किसी का पसंदीदा आहार है, लेकिन ये उन फूड्स में से एक है जो आपको अपना आदि बना लेता है। वसा से भरपूर होने के नाते आप इसे खुद को खाने से नहीं रोक पाते। पर ध्यान रखें कि इसमें बहुत मात्रा में कैलोरी और कोलेस्ट्रॉल होता है।
तले भोजन से करें परहेज
स्वीडन में हुए शोध से पता चलता हैं कि तली हुई चीजों के शौकीन लोगों के लिए ये मोटापे और दिल के रोगों को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार माने जाते थे। उधर हार्वर्ड अध्ययन के मुताबिक एक बार में 15 चिप्स खाने से आपका मोटापा धीरे-धीरे बढ़ सकता है। हो सकता है कि ये चिप्सर आपको अपनी ओर आकर्षित करें लेकिन इनकी दीर्घकालिक खामियों से सावधान रहें। यह अवसाद को बढ़ावा देने वाले फूड हैं। इसके अलावा कुकीज़ खाने में बहुत स्वादिष्ट होते हैं। क्रिसमस पर तो इन्हें खास तौर पर बनाया जाता है। आपको अपने आसपास कई ऐसी दुकानें मिल जाएंगी जहां हजारों की मात्रा में कुकीज़ रखी होती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्यादातर कुकीज़ में ट्रांसफैट का इस्तेमाल किया जाता है। जिसे अधिक मात्रा में लेने से आपके अंदर गुस्सा बढ़ सकता है। इसलिए इसका सेवन उदासी में नहीं करना चाहिए।
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अकेले न रहें
अगर आप किसी बात को लेकर परेशान हैं तो उसे अपनों से साझा करें। कभी भी अकेले न रहें बल्कि आप अपने दोस्तो और परिवार के साथ अपना समय बिताएं। ज्यादा से ज्यादा खुश रहनें की कोशिश करें। अकेलेपन से हमेशा डिप्रेशन बढ़ता है। यह आपकी मनोदशा को बहुत ज्यादा प्रभावित कर सकता है। इसलिए कोशिश करें कि अकेलेपन में न रहें।
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दर्द भरे गानों से रहें दूर
अक्सर लोग जब डिप्रेशन से गुजर रहे होते हैं तो वह खुद को सांत्वना देने के लिए दर्द भरे गानों का सहारा लेते हैं। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि दर्द भरे गीत आपको और ज्यादा डिप्रेशन में डाल सकती है। ऐसे गानें सुनने से आप और ज्यादा डिप्रेशन में जा सकते हैं।
डिप्रेशन से बचने के उपाय
डिप्रेशन एक मानसिक विकार है जिसके लिए किसी भी एक कारण को जिम्मेदार नही ठहराया जा सकता इसके लिए बहुत सारे कारण जिम्मेदार होते है। इसका सबसे पहला कारण है कमजोर और नाजुक आत्मविश्वास। दूसरा कारण है सेरोटोनिन का असंतुलन होना। इसके अलावा मानसिक आघात, कटु अनुभव, सदमे, तनावयुक्त संबंध या कोई भी तनावदायक स्थिति डिप्रेशन का कारण हो सकते हैं। डिप्रेशन से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि डिप्रेस व्यक्ति की सोच सकारात्मक हो। दूसरा उपाय वह एक स्वास्थ्य जीवन शैली को अपनाए। इसके लिए वह पर्याप्त नींद, अच्छी डाइट, एक्सरसाइज, योगा और मेडिटेशन को अपने दिनचर्या में शमिल करें।तीसरा उपाय आप अच्छे पारस्परिक संबंधों का विकास करें।
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