कई लोगों के जीवन में तमाम सुख-समृद्धि होने के बावजूद भी वे हमेशा उदास और समाज से कटे हुए रहते हैं। जबकि कुछ लोगों के जीवन में उदास और गुमसुम रहने की असली वजह होती है। कहने का मतलब यह है कि हर इंसान किसी ना किसी कारण से अपने जीवन में उदास रहता है। कभी किसी तनाव, दुर्भाग्य या विपत्ति के चलते लोग उदास रहते हैं तो कभी किसी की खुशी देखकर भी लोग उदास रहते हैं।
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समस्या तब खड़ी होती है जब ये उदासी डिप्रेशन का रूप ले लेती है। लेकिन इससे अलग भी जीवन में कुछ ऐसी परेशानियां होती हैं जो प्रायः बहुत ज्यादा देर तक नहीं रहती। लेकिन कभी-कभी यह भावना हमारे साथ जुड़ जाती है और हमें देर तक पेरशान करती हैं। यह सब कारण ही कहीं ना कहीं डिप्रेशन होने की वजह बनते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक आजकल युवाओं में ग्रुप में बैठकर उदास गाने सुनने से भी डिप्रेशन होने का कारण देखा गया है।
अस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च में कहा गया है कि आजकल के युवा अपने फ्रेंड्स ग्रुप में बैठकर उदास गाने सुनने का शौकीन हो गया है। इसके साथ ही युवा ग्रुप में बैठकर उदास बातें भी करते हैं जो डिप्रेशन को न्यौता देता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि ऐसी बातें ग्रुप में करने से सभी के द्धारा नकारात्मक विचार और नकारात्मक राय निकल कर आती है। जिससे व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है। जबकि ग्रुप में बैठकर प्रेणात्मक संगीत और बातें करने से इंसान अच्छा महसूस होता है और उसका दिमाग भी अच्छी तरह काम करता है। शोध में कहा गया है कि व्यक्ति को ऐसे गाने से सुनने से परहेज करना चाहिए जिससे उसे तकलीफ होती है।
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क्या है डिप्रेशन और कैसे करता है ये प्रभावित
किसी इंसान को डिप्रेशन तब होता है जब वह जीवन के हर पहलू पर नकारात्मक रूप से सोचने लगे। जब यह स्थिति चरम पर पहुंच जाती है तो व्यक्ति को अपना जीवन निरूद्देश्य लगने लगता है। उसे लगता है कि वह जैसा नकारात्मक सोच रहा है उसके साथ ऐसा ही होगा। जिसके चलते मस्तिष्क को पूरा आराम नहीं मिल पाता और उस पर हमेशा एक दबाव बना रहता है। तनाव के कारण शरीर में कई हार्मोन का स्तर बढ़ता जाता है, जिनमें एड्रीनलीन और कार्टिसोल प्रमुख हैं। लगातार तनाव की स्थिति डिप्रेशन में बदल जाती है।
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