डिप्रेशन के शिकार लोगों के लिए अच्छी खबर है। अगर आप तनाव और अवसाद से बचना चाहते हैं तो दही का इस्तेमाल शुरू कर दें। यूसीएलए (यूनविर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिलिस) स्कूल ऑफ मेडिसीन की ओर से हुए ताजा अध्ययन में यह बात सामने आई है कि दही का इस्तेमाल तनाव और अवसाद जैसी मानसिक बीमारियों से निपटने में मददगार हो सकता है। इसके मुताबिक दही में मौजूद प्रोबायोटिक मस्तिष्क पर असर करता है जिससे बार-बार मूड में बदलाव आने की समस्या नही होती।
पूर्व में हुए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया था कि प्रोयबायोटिक वैक्टेरिया चूहों के मस्तिष्क पर अच्छा असर डालते हैं। लेकिन अब तक इनसानों के ऊपर इसके प्रमाण नहीं देखे गए थे। यह पहली बार है जब इनसानों के मस्तिष्क पर दही को असरदार पाया गया है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि रोजाना दो बार दही का सेवन करने से मस्तिष्क की गतिविधियों में सुधार आता है, जिससे मानसिक बीमारियां नही सताती। प्रमुख शोधकर्ता डॉ. क्रिकेट तिलिश के मुताबिक, दही में मौजूद बैक्टीरिया आस-पास के माहौल के प्रति मस्तिष्क की प्रतिक्रिया क्षमता को प्रभावित करते हैं जिससे इनसान अवसाद या तनाव के घेरे में नहीं आता है।
पुख्ता नतीजे प्राप्त करने के लिए शोधकर्ताओं ने 18 से 53 वर्ष की स्वस्थ महिलाओं पर अध्ययन किया। प्रतिभागियों को तीन समूह की महिलाओं को फायदेमंद प्रोबायोटिक बैक्टीरिया युक्त दही का सेवन करने दिया गया। दूसरे समूह को अन्य डेयरी उत्पाद दिया गया जिसमें प्रोबायोटिक बैक्टीरिया नहीं थे। वहीं तीसरे समूह को किसी भी तरह के डेयरी उत्पाद से दूर रखा गया।
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