राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित एक अस्पताल के चिकित्सकों ने पिट्यूटरी ट्यूमर का एक गंभीर ऑपरेशन कर मां तथा उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की जान बचा ली। अबुधाबी में कार्यरत एक भारतीय महिला को वीपीएस रॉकलैंड हॉस्पिटल में रेफर किए जाने के बाद अस्पताल ने पिट्यूटरी ट्यूमर का इलाज शुरू किया, जो गंभीर अवस्था में पहुंच चुका था।
सात महीने की गर्भवती 34 वर्षीय महिला की एलएलएच हॉस्पिटल मुजाफा में जांच और एमआरआई के बाद पता चला कि उसे पिट्यूटरी ट्यूमर है और उससे ब्लीडिंग भी हो रही थी, जिसकी वजह से आंखों में धुंधलापन आ गया था। ट्यूमर का जल्द से जल्द ऑपरेशन करना बेहद जरूरी था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए महिला को वीपीएस रॉकलैंड हॉस्पिटल, नई दिल्ली रेफर कर दिया गया।
मरीज को वीपीएस रॉकलैंड हॉस्पिटल कुतुब (नई दिल्ली) में एडमिट कराया गया और अस्पताल के सर्जन्स की एक्सपर्ट टीम ने इस चुनौतीपूर्ण केस को स्वीकार किया। उन्होंने सबलबियलट्रांस स्पिनॉइडल पिट्यूटरी ट्यूमर डिकंप्रेशन द्वारा नाक के माध्यम से ट्यूमर को बाहर निकाला।
सर्जरी के वक्त शिशु रोग विशेषज्ञ और स्त्री एवं प्रसूती रोग विशेषज्ञों का एक समूह भी वहां मौजूद था, जिसने सर्जरी के वक्त बच्चे को बचाने के लिए इमरजेंसी सिजेरियन कर बच्चे की डिलीवरी कराई। मल्टीडिसिप्लिनरी अप्रोच और टीम के बेहतरीन कोऑर्डिनेशन व मेहनत का ही परिणाम था की मां और बच्चे दोनों की जान बचाई जा सकी।