व्यवस्थित घर रखने से महिलाओं को​ मिलते हैं ये 5 बड़े लाभ

मौसम बदलते ही खानपान और रहन-सहन में भी बदलाव आता है। जब बाहर गर्म हवाएं चल रही हों तो घर की सजावट भी ऐसी होनी चाहिए, जो आंखों को शीतलता और मन को सुकून पहुंचाए। 
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व्यवस्थित घर रखने से महिलाओं को​ मिलते हैं ये 5 बड़े लाभ


मौसम बदलते ही खानपान और रहन-सहन में भी बदलाव आता है। जब बाहर गर्म हवाएं चल रही हों तो घर की सजावट भी ऐसी होनी चाहिए, जो आंखों को शीतलता और मन को सुकून पहुंचाए। विज्ञान कहता है कि बुद्धिमान लोग आमतौर पर बहुत व्यवस्थित जीवन पसंद नहीं करते हैं, दूसरी ओर शोध बताते हैं कि घर अस्त-व्यस्त हो तो स्त्रियों के स्ट्रेस हॉर्मोन्स बढऩे लगते हैं। सामानों से ठुंसे घर को न तो ठीक ढंग से ऑर्गेनाइज किया जा सकता है, न ही उसका डेकोर सही तरीके से हो सकता है। व्यस्त दिनचर्या में लोगों के पास घर की साफ-सफाई के लिए भी बहुत कम समय बचता है। ऐसे में अगर घर बनाते समय ही मिनिमलिस्ट दृष्टिकोण अपनाया जाए तो कई समस्याएं सुलझ सकती हैं। हालांकि इसे अपनाना जितना आसान लगता है, उतना होता नहीं है। अगर आप कम में खुश रह लेते हैं लेकिन इसे जीवनशैली में ढाला कैसे जाए, यह नहीं समझ पाते तो यहां दिए गए कुछ सुझाव आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं।

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न्यूट्रल बेस

क्लासिक मिनिमलिस्टिक इंटीरियर के लिए बेस का ध्यान रखना जरूरी है। एक छोटे से कंटेनर से लेकर बड़े से सोफे तक न्यूट्रल बेस का नियम लागू होना चाहिए। इससे घर साफ नजर आएगा, साथ ही ताजगी का एहसास मिलेगा। इसका मतलब यह नहीं कि घर को बोरिंग बना दें। लाइट कलर्स और कम सामानों से भी घर को आकर्षक बनाया जा सकता है। व्हाइट बेस कलर है और आमतौर पर सबको पसंद आता है लेकिन हर जगह व्हाइट नहीं इस्तेमाल किया जा सकता। एक्सपट्र्स के अनुसार व्हाइट में कुछ अन्य शेड्स मिलाए जा सकते हैं। येलो अंडरटोन सफेद को क्रीमी लेयर देता है जबकि ब्लू अंडरटोन ब्राइट टच देता है। सफेद के कूलर शेड्स बैलेंस बनाते हैं। अन्य कलर्स इस्तेमाल करना चाहते हैं तो वे शेड्स चुनें, जो आंखों को न चुभें और न्यूट्रल के साथ मैच कर जाएं। जैसे- ग्रीन, ब्राउन, बेज और ब्लू कलर्स। 

क्वॉन्टिटी नहीं क्वॉलिटी

कम सामानों व रंगों से घर सजाना आसान कार्य नहीं है, इसलिए हर वस्तु का चयन सावधानी से करें। अपनी प्राथमिकता समझें और कोई भी वस्तु घर में लाने से पहले हर पहलू पर विचार कर लें। जो भी सामान खरीदें, उसकी जरूरत, साइज और क्वॉलिटी का खयाल रखें और घर के इंटीरियर के साथ वह मैच करेगा या नहीं, यह भी पहले सोच लें।

घर का एरिया

घर का डेकोर उसके एरिया के अनुसार ही होना चाहिए। फर्नीचर खरीदना हो या वुडेन वर्क कराना हो, स्पेस के एक-एक इंच का हिसाब लगा लें ताकि घर भरा हुआ न लगे और उसमें ब्रीदिंग स्पेस बना रहे।

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नीरसता से बचाएं

कई बार न्यूट्रल डेकोर नीरस सा लगता है, ऐसे में ट्रिक्स के जरिये इसे आकर्षक बनाया जा सकता है। एक्सपट्र्स के अनुसार आर्ट पीसेज या खूबसूरत कलाकृतियों से ऐसे डेकोर की नीरसता को तोड़ा जा सकता है लेकिन इनकी संख्या बहुत न हो। जैसे- किचन का पूरा डेकोर न्यूट्रल है तो कलरफुल क्रॉकरीज का उपयोग करें। कॉर्नर्स पर डेकोरेटिव प्लांटर्स में इंडोर प्लांट्स लगाएं, इससे भी लुक बोरिंग होने से बचेगा। 

स्टाइलिश स्टोरेज

घर को क्लटर-फ्री करने के बाद भी काफी चीजें इधर-उधर बिखरी दिखती हैं। ऐसे में स्टाइलिश स्टोरेज या ऑर्गेनाइजर्स से समस्या का समाधान हो सकता है। इससे सामान बिखरेगा नहीं और समय पर मिल भी जाएगा।

इन-आउट फ‍िलॉसफी

मिनिमलिस्टिक डेकोर में इन-आउट थ्योरी बहुत काम करती है। यानी एक वस्तु घर में आए, इससे पहले एक वस्तु बाहर हो। नए घर में प्रवेश करते हैं तो खाली कबड्र्स, पैसेज, कैबिनेट्स, बेड स्टोरेज और वॉर्डरोब्स से स्वागत होता है। धीरे-धीरे घर सामानों से भरने लगता है क्योंकि इन-आउट वाली थ्योरी लागू नहीं हो पाती। एक समय बाद शांति प्रदान करने वाला घर समस्याओं के मकान में तब्दील हो जाता है।

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