कान सुनने के अलावा शरीर के संतुलन को भी बरकरार रखते हैं। इसलिए कान का स्वस्थ रहना जरूरी है, लेकिन बहरेपन की समस्या पीड़ित व्यक्ति के अलावा उसके परिजनों को भी परेशान करती है, लेकिन अब इससे छुटकारा संभव है। बहरेपन में सुनने की शक्ति के कम होने के अलावा व्यक्ति की सामजिक व मानसिक परेशानियां भी बढ़ जाती हैं, लेकिन अब इस समस्या को अच्छी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है।
क्यों होता है ऐसा
जब कोई व्यक्ति बोलता है, तो वह ध्वनि तरंगों के द्वारा हवा में एक कंपन पैदा करता है। यह कंपन कान के पर्दे और सुनने से संबधित तीन हड्डियों-मेलियस, इन्कस और स्टेप्स के द्वारा आंतरिक कान में पहुंचता है और सुनने की नस द्वारा आंतरिक कान से मस्तिष्क में संप्रेषित होता है। इस कारण हमें ध्वनि का अहसास होता है। यदि किसी कारण से ध्वनि की इन तरंगों में अवरोध पैदा हो जाए, तो बहरेपन की समस्या पैदा हो जाएगी। यदि अवरोध कान के पर्दे या सुनने की हड्डियों तक सीमित रहता है तो इसे कन्डक्टिव डेफनेस (एक प्रकार का बहरापन) कहते हैं। यदि अवरोध कान के आंतरिक भाग में या सुनने से संबन्धित नस में है, तो इसे सेन्सरी न्यूरल डेफनेस कहते हैं।
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ऐसे पहचानें
- कान में तरह-तरह की आवाजें आना।
- कान का भारी होना।
- कान में दर्द होना, जो मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से बढ़ सकता है।
- चक्कर आना।
- व्यक्तित्व से संबधित मानसिक परेशानियां।
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इलाज के विकल्प
- इंफेक्शन की वजह से सुनने की क्षमता में आई कमी को दवाओं से ठीक किया जा सकता है।
- अगर कान का पर्दा डैमेज हो गया है तो सर्जरी करनी पड़ती है। कई बार पर्दा डैमेज होने का इलाज भी दवाओं से ही हो जाता हैं।
- नसों (नव्र्स) में आई किसी कमी की वजह से सुनने की क्षमता में कमी हुई तो जो नुकसान नव्र्स का हो चुका है, उसे किसी भी तरह वापस नहीं लाया जा सकता हैं। ऐसे में दो तरीके हैं- एक यह कि हियरिंग एड का इस्तेमाल किया जाए। दूसरा तरीका सर्जिकल इंप्लांट लगवाना है। हिर्यंरग एड फौरन राहत देता है।
- कॉकलीयर इंप्लांट: कॉकलीयर इंप्लांट, सर्जरी के जरिए प्रत्यारोपित होने वाला एक विशिष्ट इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है। यह उपकरण एक ऐसे व्यक्ति को ध्वनि प्रदान करता है जो गंभीर रूप से बहरे हैं। कॉकलीयर इंप्लांट एक सामान्य बाईपास प्रकिया है। जो त्वचा के बाहर रहता है। (आमतौर पर कान के पीछे पहना जाता है, जिसमें माइक्रोफोन, इलेक्ट्रॉनिक बैटरी और एक यंत्र होता है जो प्रत्यारोपित होने के बाद व्यक्ति को संकेत प्रेषित करता है।
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