इंटरनेट ने एक ओर जहां हमारी जिंदगी आसान बनाई है, वहीं निजी जिंदगी में इसकी दखलंदजी में मुश्किलें भी बढ़ा दी है। खासतौर पर बच्चे और युवा वर्ग इंटरनेट हस्तक्षेप में सबसे ज्यादा पीड़ित है। साइबर बुलिंग दखलअंदाजी का सबसे डरवाना हथियार है।
ब्रिटिश संस्था 'एंटी बुलिंग अलायंस' के नए सर्वे के मुताबिक आधे से ज्यादा बच्चे और युवा रोजाना की जिंदगी में इसका शिकार बन रहे हैं। साइबर बुलिंग बच्चों के मानसिक व शैक्षणिक विकास पर बहुत बुरा असर डाल रही है। इसके बावजूद अभिभावक और शिक्षक मानते हैं कि उनके पास इससे निपटने का समाधान नहीं है।
सर्वे में शामिल करीब 55 फिसदी बच्चों ने स्वीकारा कि साइबर बुलिंग उनकी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गई है।
साठ फिसदी अभिभावक अपने बच्चों के साथ ऐसा होने की बात स्वीकारते हैं। बच्चों को इससे बचाना अभिभावकों के बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। 49 फीसदी माता-पिता मानते हैं कि उनके बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल काम है।
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