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दही की तासीर गर्म होती है या ठंडी? जानें डाइटिशियन से

Curd Properties in Nature in Hindi: आयुर्वेद के मुताबिक दही की तासीर गर्म होती है और इसका सेवन करने से शरीर की गर्मी बढ़ सकती है।
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दही की तासीर गर्म होती है या ठंडी? जानें डाइटिशियन से


Curd Properties in Nature in Hindi: दही का सेवन लोग हर मौसम में करना पसंद करते हैं। प्रो-बायोटिक्स गुणों से भरपूर दही शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होती है। दही में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन, लैक्टोज, आयरन और फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। नियमित रूप से इसका सेवन करने से पाचन तंत्र को ठीक रखने से लेकर वजन कम करने और बीमारियों से शरीर को बचाने में फायदा मिलता है। गर्मी के मौसम में दही का सेवन लोग ज्यादा करते हैं। गर्मियों में शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए लोग दही का सेवन करते हैं। वहीं सर्दी के मौसम में लोग दही की तासीर ठंडी समझकर इसका सेवन करने से बचते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, दही की तासीर कैसी होती है? आइये इस लेख में डॉक्टर से समझते हैं दही की तासीर के बारे में।

दही की तासीर कैसी होती है?- What is Curd Properties in Nature in Hindi

अल्सर लोग यह मानते हैं कि दही की तासीर ठंडी होती है और इसका सेवन करने से पेट और शरीर को ठंडक पहुंचती है। दही खाने से शरीर की शक्ति बढ़ती है। दही में मौजूद फैट वजन बढ़ाने के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। पाचन अग्नि को ठीक करने में भी इसका सेवन बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन क्या वाकई दही की तासीर ठंडी होती है और इसका सेवन करने से शरीर को ठंडक मिलती है। इसको लेकर आरोग्यं हेल्थ सेंटर के आयुर्वेदिक डॉ एसके पांडेय कहते हैं, "ज्यादातर लोग दही को ठंडी तासीर वाला फूड समझते हैं। जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। आयुर्वेद के मुताबिक दही की तासीर गर्म होती है और इसका सेवन करने से शरीर की गर्मी बढ़ सकती है। दही में पानी मिलाकर खाने से इसका तासीर हल्की हो जाती है।"

Curd Properties in Nature in Hindi

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आयुर्वेद में दही खाने को लेकर तमाम बातें कही गयी हैं। गलत तरीके से दही का सेवन करने से शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है। इसलिए दही को कभी भी गर्म या गुनगुना करके खाने की सलाह नहीं दी जाती है। दही को गर्म करने से इसके गुण खत्म हो जाते हैं। इसके अलावा रात के समय में भी दही का सेवन करने से बचना चाहिए। दोपहर और दिन के समय दही का सेवन करने से शरीर को ज्यादा फायदा मिलता है। इसके अलावा ऐसे लोग जो मोटापा, कफ की समस्या, ब्लीडिंग डिसऑर्डर आदि से जूझ रहे हैं, उन्हें दही खाने से बचना चाहिए।

आयुर्वेद में शरीर के वात, पित्त और कफ की स्थिति के हिसाब से खानपान के नियम हैं। इन्हीं के आधार पर आयुर्वेद में किन चीजों का सेवन कब और कितना करना चाहिए? इस बारे में जानकारी दी गयी है। आयुर्वेद के मुताबिक मानसून यानि बारिश के मौसम में दही का सेवन स्वास्थ्य के हानिकारक हो सकता है। क्योंकि इस दौरान दही का सेवन शरीर वात बढाने का काम करता है। इस दौरान दही खाने से शरीर में बुखार और पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा बारिश के मौसम में दही का अधिक मात्रा में सेवन गले में खराश और कफ की समस्या का कारण भी होता है।

(Image Courtesy: Freepik.com)

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