नई जीवनशैली के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं में पीठ दर्द एक प्रमुख समस्या के रूप में उभर रहा है। आजकल ऑफिसों में अधिकांश काम कम्प्यूटर पर होता है या फिर उसके बिना भी घंटों लगभग एक ही स्थान पर बैठे-बैठे किए जाते हैं। जिसके कारण पीठ दर्द के पीड़ितों की संख्या बढ़ती जा रही है।
वेबसाइट `फीमेल फर्स्ट डॉट को डॉट यूके` के अनुसार, लगातार बैठे रहने वाली जीवनशैली और अनियमित शारीरिक गतिविधियों के कारण युवाओं में पीठ और गर्दन दर्द की शिकायत बढ़ रही है। ब्रिटिश काइरोप्रैक्टिक एसोसिएशन (बीसीए) की ओर से किए गए एक उपभोक्ता अनुसंधान में बताया गया कि 16 से 35 साल की उम्र के 65 प्रतिशत लोग गर्दन और पीठ दर्द से पीड़ित हैं और लगभग हर तीसरे व्यक्ति को एक महीने से ज्यादा दर्द रहता है।
बहुत से काइरोप्रैक्टर्स ने पाया कि युवाओं में गर्दन और पीठ का दर्द बढ़ रहा है। बीसीए के काइरोप्रैक्टर टिम हचफुल ने कहा कि हम देख रहे हैं 35 से कम उम्र वाले युवाओं में पीठ और गर्दन दर्द ज्यादा बढ़ रहा है क्योंकि वह अधिक देर तक बैठे रहते हैं। युवाओं को सक्रिय रहने की महत्ता समझना जरूरी है और अगर उन्हें दर्द है तो विशेषज्ञ की मदद लेनी चाहिए।