शरीर में उपचय या अपच की शिकायत होना आम बात है, लेकिन गर्भावस्था में ये शिकायत बढ़ जाती है। गर्भावस्था में नये-नये अवयव का होना आम बात है, जिसके कारण गर्भावस्था में अजीर्णता, मतली आदि होती है।
गर्भावस्था में पेट के विकास के कारण आमाशय और आंतों पर थोड़ा सा दबाव पड़ता है। जिसके कारण भोजन को आमाशय में उतरने में देर लगती है। और पेट के दबाव के कारण ही आमाशय का अम्ल रस कई बार गले की नली में आ जाता है और छाती में जलन पैदा करता है। बहुत अधिक मात्रा में मसालेदार तथा तेल-घी युक्त ताला हुआ खाना खाने से आंतों का पाचक रस ठीक से उसे हजम नहीं कर पाता।
गर्भावस्था के दौरान होने वाले बदलावों को ध्यान में रखकर गर्भवती महिला को न सिर्फ संतुलित भोजन करना चाहिए बल्कि अपने रहन-सहन का भी खास ख्याल रखना चाहिए। साथ ही खाने का समय नियमित रखना चाहिए और भोजन हल्का, सहज सुपाच्य तथा पौष्टिक होना चाहिए। रात का खाना ज्यादा लेट न करके समय पर खा लेना चाहिए। आइए जानें गर्भावस्था में अपच के बारे में कुछ और बातें।
गर्भावस्था में अपच
- गर्भावस्था के दूसरे ट्राइमेस्टर या तीसरे ट्राइमेस्टर में गर्भवती महिला को अपच की अधिक शिकायत होने लगती है। यानी अजीर्णता होने पर गर्भवती महिला को छाती में जलन और मितली की शिकायत होती है।
- दरअसल गर्भावस्था के दौरान महिला के हार्मोंस की बढ़ोत्तरी से आमाशय और भोजन के बीच की नली ढीली पड़ जाती है जिसके कारण पाचन संबंधी परेशानी होने लगती हैं।
- गर्भावस्था़ की शुरूआत में होने वाले हार्मोंस परिवर्तन ही मुख्य रूप से गर्भावस्था में अपच का कारण होते हैं।
- गर्भावस्था़ में अपच के दौरान पाचन संबंधी परेशानियां होने लगती हैं जिससे कई बार कब्ज, जी मिचलाना, गैस संबंधी समस्याएं, मितली होना इत्यादि समस्याएं होने लगती हैं।
- गर्भावस्था़ में अपच का एक कारण गर्भावस्था के अंतिम समय में गर्भाश्य से आमाश्य पर दबाव पड़ने से भी होता है।
- असंतुलित भोजन या फिर अधिक तैलीय और कम पानी, चाय-कॉफी के अधिक सेवन के कारण भी अपच की समस्या हो सकती हैं।
- आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान अपच की शिकायत होने पर पेट भरा-भरा सा महसूस होता है, गैस बनती हैं और खट्टी डकारें आने लगती हैं। इसके अलावा कुछ भी खाने-पीने के बाद पेट दर्द की शिकायत भी होने लगती हैं।
- गर्भावस्था के दौरान अपच से बचने के लिए भोजन धीरे-धीरे चबा-चबा कर करना चाहिए।
- भोजन करते समय सीधे बैठें और भोजन करने के तुरंत बाद पानी न पीएं।
- अपच से बचने के लिए चाय-कॉफी के बजाय पानी अधिक मात्रा में पीएं।
- कम से कम मसालेदार भोजन लें और तैलीय चीजों को अपच के दौरान बिल्कुल न खाएं।
- खाना खाने के कुछ देर बाद थोड़ी देर जरूर टहलें और खाना खाने के बाद तुरंत न सोएं।
- बहुत अधिक समस्या होने पर अपने आप से कोई दवाई न लेते हुए डॉक्टर से संपर्क करें।
इन टिप्स को अपनाकर आप अपच की शिकायत से बच सकते हैं और अपच होने पर इस समस्या को आराम से दूर कर सकते हैं।
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