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तीसरी तिमाही में महिलाओं को हो सकती हैं ये 5 समस्याएं, जानें कैसे करें बचाव

तीसरी तिमहा में हर महिला को कुछ न कुछ परेशानी बनी रहती है, जैसे पीठ दर्द, पैरों में सूजन आदि। एक्सपर्ट से जानें, इनका समाधान।
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तीसरी तिमाही में महिलाओं को हो सकती हैं ये 5 समस्याएं, जानें कैसे करें बचाव

Health Issues During Third Trimester Of Pregnancy: प्रेग्नेंसी का सफर अपने आप में परेशानियों से भरा होता है। महिला के शरीर में इतने बदलाव होते हैं कि कई बार वह खुद इन्हें सहजता से स्वीकार नहीं कर पाती है और असहज हो जाती है। इन बदलावों के कारण, कई बार उसकी तबियत बिगड़ जाती है, तो कई बार मूड स्विंग्स होने लगते हैं। इस तरह के सभी बदलाव न सिर्फ प्रेग्नेंसी के शुरुआत में, बल्कि तीसरी तिमाही में भी नजर आते हैं। हालांकि, तीसरी तिमाही में जो बदलाव हो रहे हैं, उनकी ओर ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है। इस लेख में हम शांता फर्टिलिटी सेंटर की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुभा सिंह से जानेंगे कि तीसरी तिमाही में किस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं और उनसे कैसे डील किया जा सकता है।

Health Issues During Third Trimester

पीठ में दर्द (Backaches)

प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में महिलाओं के पीठ में अक्सर दर्द बना रहता है। इसकी कई वजहें हो सकती हैं, जैसे अच्छी नींद न होना, कंफर्टेबल होकर न बैठ पाना आदि। इसके अलावा, तीसरी तिमाही में आपका शरीर का ज्यादातर भार सामने की ओर आ जाता है, खासकर पेल्विक एरिया की तरफ। इसी वजह से पीठ की तकलीफें बढ़ जाती हैं। ऐसे में एक्सपर्ट सुझाव देते हैं कि बैठने के लिए हमेशा आरामदायक कुर्सी का चुनाव करें, हमेशा पीठ को टेककर बैठें और ऐसे जूतों को चुनाव करें, जिससे पीठ की तकलीफ न बढ़े और चलने में असुविधा न हो।

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सीने में जलन (Heartburn)

Heartburn

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में सीने में जलन की समस्या भी काफी ज्यादा बनी रहती है। दरअसल, इस दौरान महिला ज्यादा तला-भुना या बासी चीजें नहीं खा पातीं। अगर खाती हैं, तो इससे उन्हें दिक्कत होने लगती है। इससे एसिड रिफ्लक्स की प्रॉब्लम हो सकती है। इस तरह की प्रॉब्लम न हो, इसके लिए जरूरी है कि आप एक साथ हैवी मील न लें, कम-कम डाइट लें और कम गैप में खाना खा लें। इससे आपको खट्टी डकारें नहीं आएंगी और एसिड रिफ्लक्स की प्रॉब्लम भी कम होगी।

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बार-बार पेशाब आना (Frequent urination)

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में, जैसे-जैसे शिशु का भार बढ़ता जाता है, इससे पेट के निचले हिस्से में दबाव बढ़ जाता है। यही कारण है कि महिला को अक्सर यूरिन की अर्ज बानी रहती है। आखिरी तिमाही में अक्सर यह भी देखा गया है कि खांसते या छींकते वक्त भी महिला का अपने आप पेशाब थोड़ा-सा निकल जाता है। अगर आपके साथ भी इसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप पैंटी लाइनर्स कर यूज कर सकते हैं। अगर आखिरी तिमाही में किसी भी पल आपको ऐसा लगे कि वॉटर ब्रेक हो गया है और एमनियोटिक फ्लूइड रिस रहा है, तो बिना देरी किए तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।

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सांस लेने में तकलीफ (Shortness of breath)

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में अक्सर महिला को सांस लेने में तकलीफ हो जाती है। इस तरह की समस्या अगर आपके साथ भी हो, तो बेहतर होगा कि इन दिनों ऐसे ब्रीदिंग एक्सरसाइज या योग करें, जिससे सांस लेने की तकलीफ को दूर किया जा सके।

पैरों में सूजन (Foot Swelling)

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में पैरों में सूजन होना भी बहुत सामान्य समस्याओं में से एक है। कई बार, महिलाओं की पैरों की सूजन इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि पैरों में दर्द और खुजली होने लगती है। इस तरह की परेशानी से बचने के लिए जरूरी है कि आप काफी मत्रा में पानी पिएं। अगर ज्यादा तकलीफ हो, तो डॉक्टर से संपर्क कर सकें।

image credit: freepik

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