बच्चों को अनुशासन में रखना बहुत जरूरी होता है, अनुशासित बच्चों का व्यक्तित्व भी अन्य बच्चों की तुलना में अलग होता है। हालांकि आजकल बच्चे जितनी शैतानियां करते हैं उस हिसाब से उन्हें कुछ भी सिखाना काफी मुश्किल हो सकता है। बहुत से बच्चे काफी शरारती होते हैं। उनको किसी भी नियम से बांधना या अनुशासित करना बहुत टेड़ी खीर होती है। उनको देख कर साफ कहा जा सकता है कि इनके जीवन में अनुशासन की कमी है। बच्चों को अनुशासित यानी डिसिप्लिन में करने के लिए पेरेंट्स कई तरीके अपनाते हैं। इनमें से कुछ तरीके बच्चों पर काफी असर करते हैं वहीं कुछ तरीके ऐसे होते हैं जिनका नकारात्मक असर भी बच्चों पर पड़ सकता है। इसलिए पेरेंट्स को हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों को अनुशासित करते सम्स्य गलतियां न करें, गलतियों की वजह से बच्चों पर इसका उल्टा असर हो सकता है।
बच्चों को अनुशासित करने में पेरेंट्स न करें ये गलतियां (Discipline Mistakes Most Parents Make in Hindi)
बच्चों की परवरिश के दौरान माता-पिता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी यह होती है कि बच्चों को अच्छे संस्कार और अनुशासन सिखाएं। बच्चों में अनुशासन होने से उनका व्यक्तित्व निखरता है और उनमें कई अच्छे गुण विकसित होते हैं। आज के समय में बच्चों पर सोशल मीडिया का प्रभाव तेजी से पड़ रहा है जिसके कारण बच्चों में अनुशासन की कमी देखने को मिलती है। बच्चों में अनुशासन सिखाने के चक्कर में पेरेंट्स कई गलतियां कर बैठते हैं जिसकी वजह से बच्चों पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है। आइये जानते हैं इसके बारे में।
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1. बच्चों के प्रति बहुत अधिक नकारात्मक होना
बच्चों को अनुशासन सिखाने के चक्कर में पेरेंट्स अक्सर ये गलती करते हैं कि वे इस दौरान बच्चों के प्रति बहुत अधिक नकारात्मक हो जाते हैं। बच्चों के प्रति नकारात्मक होने की वजह से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। बच्चों के प्रति माता-पिता के नकारात्मक रवैये के कारण उन पर इसका लंबे समय तक असर रहता है।
2. बच्चों के सामने खुद अनुशासनहीन होना
बच्चे अपने माता-पिता के व्यवहार को हमेशा ध्यान में रखते हैं। आप जैसा व्यवहार बच्चों के सामने करते हैं वैसा ही व्यवहार बच्चे अपनाते हैं। ऐसे में बच्चों के सामने आपको कोई भी ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए जिसकी वजह से उन पर बुरा असर पड़े। अपने बच्चों को सिखाने का सबसे सही तरीका है कि आप खुद उनके लिए रोल मॉडल बनें क्योंकि बच्चे सबसे पहले अपने माता-पिता को देखकर सीखते हैं।
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3. बहुत ज्यादा कठिन नियम न बनाएं
हर घर के कुछ अलग नियम और कानून होते हैं। इसकी मदद से बच्चों में एक जागरूकता आती है कि हमें खेलकर समय से घर जाना है, हमें घर में सबके साथ खाना बैठकर खाना है। ये नियम उन्हें समय का पाबंद और परिवार के नजदीक लाने में मदद करते हैं। साथ ही उन्हें अनुशासन भी सिखाता है। लेकिन ऐसे में आपको हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप बच्चों के लिए घर में ऐसे नियम न बनाएं जिसका पालन करना मुश्किल हो।
4. बच्चों के अच्छे कार्यों की अनदेखी
बच्चों को अनुशासित करने के लिए कई बार पेरेंट्स ऐसी गलती कर बैठते हैं जिसका असर बच्चों पर उल्टा हो सकता है। बच्चों द्वारा कुछ अच्छा करने पर उन्हें मोटिवेट करते रहना जरूरी है। इससे उनके हौसला बढ़ता है और उनको कुछ नया करने का साहस भी मिलता है ताकि वे आगे बढ़ते रहें। कुछ नया करने पर भी एक माता-पिता बनकर नहीं उनके दोस्त बनकर उन्हें समझने की कोशिश करें और उनकी सरहाना करें। ऐसा न करने से बच्चों पर उल्टा असर हो सकता है।
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5. बच्चों की बात न सुनना
कई बार पेरेंट्स घर में अनुशासन बनाने के चक्कर में बच्चों की बातों को अनदेखा कर देते हैं जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। हम उन्हें बहुत कुछ सिखाना चाहते हैं लेकिन हम उन्हें समझाने की कोशिश कम करते हैं। उन्हें सुनने की क्षमता नहीं रखते हैं। ये बहुत आम बात हैं लेकिन बहुत जरूरी है कि आप उनके हिस्से का उन्हें बोलने दें कि आपका बच्चा आपकी सीख या नियमों के बारे में क्या सोचता है। उनके मन में किसी भी चीज को लेकर क्या विचार आते हैं।
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