Genetic Disease in Hindi: आजकल खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी डाइट के चलते लोगों में बीमारियां तेजी से बढ़ने लगी हैं। इसके पीछे प्रदूषण, मोटापा, बीमारियों पर ध्यान न देने जैसे कई कारण शामिल हैं। भारत ही नहीं बल्कि, पिछले कुछ समय में बीमारियों का चलन दुनियाभर में तेजी से बढ़ा है। केवल बच्चे ही नहीं, बल्कि व्यसकों में भी कई दुर्लभ बीमारियां हो रही हैं। हर साल दुर्लभ बीमारियों के चलते देश-दुनिया में सैकड़ों लोगों की मौत तक होती है। हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने जीन थेरेपी पर बल दिया है।
दुर्लभ बीमारियों के बारे में जागरूक करना जरूरी
चंद्रचूड़ ने हाल ही में जीन थेरेपी पर बल देते हुए कहा कि देश में दुर्लभ बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलना काफी जरूरी है। इसपर उन्होंने अपील करते हुए कहा कि हम अनुवांशिक या दुर्लभ बीमारियों के बारे में अनजान नहीं रह सकते हैं। उन्होंने अनुवांशिक यानि जैनेटिक डिजीज के लिए जीन थेरेपी पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि हजारों माता-पिता अपने बच्चे को एक बेहतर भविष्य देने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने लोगों का हौंसला बढ़ाते हुए कहा कि दर्लभ बीमारियों का इलाज केवल तभी तक संभव नहीं है, जब तक हम उसपर पहुंच नहीं सकते।
टॉप स्टोरीज़
जीन थेरेपी पर देना चाहिए ध्यान
नारायण नेत्रालय फाउंडेशन द्वारा स्थापित की गई एक कॉन्फ्रेंस में सीजेआई ने कहा कि हमारे देश में जीन थेरेपी जैसी चीजों की कमी है। उन्होंने राष्टपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा लॉन्च की गई पहली कैंसर थेरेपी का भी जिक्र किया। भारत की इतनी आबादी में हममें से बहुत से लोगों को जीन रेयर डिजीज का सामना करना पड़ता है।
इसे भी पढ़ें - Thalassemia : थैलेसेमिया के मरीज क्या खाएं और किन चीजों से करें परहेज, डॉक्टर से जानें इसके बारे में
हर साल जाती है सैकड़ों लोगों की जान
भारत में रेयर डिजीज से जान जाने का कोई सटीक आंकड़ा तो नहीं है, लेकिन इसके चलते हर साल लाखों की संख्या में लोगों की मौत होती है। रेयर डिजीज जैसे थेलैसेमिया (ब्लड डिसऑर्डर), सिकल सेल डिजीज, ऑटो इम्यून डिजीज, हेमोफीलिया, सिस्टिक फाइब्रोसिस आदि जैसी कई बीमारियां हैं, जिनका इलाज अभी तक संभव नहीं हो पाया है।