शरीर को स्वस्थ रखने और सुचारू ढंग से काम करने के लिए सबसे जरूरी चीज जो शरीर के भीतर मौजूद होती है वह खून यानी ब्लड है। ब्लड शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति करने का भी काम करता है। हरेक व्यक्ति के शरीर में मौजूद ब्लड का ग्रुप अलग होता है। ब्लड ग्रुप किसी भी इंसान के शरीर में मौजूद खून की पहचान होती है। ज्यादातर लोगों में ब्लड ग्रुप उनके जीन के आधार पर तय होता है लेकिन कई ऐसे बच्चे भी होते हैं जिनका ब्लड ग्रुप उनके माता-पिता से एकदम अलग हो जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? माता-पिता के ब्लड ग्रुप से बच्चे के ब्लड ग्रुप का अलग होना कई कारणों से होता है। आइये विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।
कितने टाइप का होता है ब्लड? (Blood Group Types)
हर इंसान के शरीर में मौजूद खून दिखने में तो एक जैसा ही होता है लेकिन उसका ब्लड ग्रुप उसे सभी लोगों के ब्लड से अलग करता है। आरोग्यं हेल्थ सेंटर के सीनियर कंसलटेंट डॉ रमेश कुमार के मुताबिक हर व्यक्ति में खून की संरचना एक जैसी नहीं होती है। इंसान के शरीर के आधार पर उसके शरीर में अलग-अलग मात्रा में खून मौजूद हो सकता है और इसके ग्रुप यानी प्रकार भी अलग-अलग होते हैं। ज्यादातर लोगों में माता-पिता से ही ब्लड ग्रुप का निर्धारण होता है। शरीर में ब्लड ग्रुप की जानकारी एचबीओ प्रणाली से ली जाती है। इसके आधार पर हर इंसान के शरीर में चार प्रमुख टाइप के ब्लड होते हैं जिन्हें ब्लड ग्रुप के नाम से जाना जाता है।
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- ब्लड ग्रुप ए
- ब्लड ग्रुप बी
- ब्लड ग्रुप ओ
- ब्लड ग्रुप एबी
इन चार ग्रुप को मुख्य ब्लड ग्रुप माना जाता है। चारों ब्लड ग्रुप के अंदर 2-2 ब्लड ग्रुप और होते हैं और इस तरह से इंसान के शरीर में मौजूद खून 8 टाइप में से किसी भी टाइप का हो सकता है। हरेक ब्लड ग्रुप को पॉजिटिव और नेगेटिव में बांटा गया है। आपने भी सुना होगा कि किसी का ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव है तो किसी का ए नेगेटिव।
बच्चों का ब्लड ग्रुप माता-पिता से अलग होने के कारण (Why Child Blood Group Different From Parents?)
मुख्या रूप से इंसान के शरीर में मौजूद रक्त के ग्रुप यानी ब्लड ग्रुप 4 होते हैं। बच्चों में ब्लड ग्रुप का निर्धारण उनके जीन से यानी माता-पिता के ब्लड ग्रुप से होता है। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हर बच्चे का ब्लड ग्रुप उसके माता-पिता के आधार पर ही रहे। कई बच्चों में ब्लड ग्रुप माता-पिता से अलग हो जाता है। इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। कई बच्चे जिनके माता-पिता का ब्लड ग्रुप AB और O है उनके बच्चों में ब्लड ग्रुप A या B हो सकता है। बच्चों के ब्लड ग्रुप में बदलाव जेनेटिक्स के अलावा कई अन्य कारणों से होता है। बच्चों में ब्लड ग्रुप का निर्धारण माता-पिता के ग्रुप से ही होता है। कुछ बच्चों में माता-पिता के अलावा दूसरा ब्लड ग्रुप आ जाता है और यह शारीरिक और आनुवांशिक कारणों से भी हो सकता है।
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इसके आलावा कई लोग यह मानते हैं कि 'ब्लड टाइप डाइट' का सेवन करने से आपके बच्चे में ब्लड ग्रुप अलग हो जायेगा। ज्यादातर माता-पिता जिनका ब्लड ग्रुप दुर्लभ होता है वे अक्सर ब्लड टाइप डाइट का इस्तेमाल बच्चों में ब्लड ग्रुप में बदलाव के लिए करते हैं। ऐसा माना जाता है कि प्रेगनेंसी के दौरान मां द्वारा इस डाइट का सेवन करने से बच्चे का ब्लड ग्रुप माना-पिता से अलग होगा। लेकिन इसको लेकर अभी तक कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं कि इससे बच्चे का ब्लड ग्रुप माता-पिता से अलग ही हो जाता है। आज के समय में बीमारियों के खतरे, दुर्लभ ब्लड ग्रुप से बचने के लिए माता-पिता कुछ खास ट्रीटमेंट का सहारा लेते हैं। लेकिन इसे चिकित्सक की सलाह के बाद ही लिया जाना चाहिए।
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