इस साल मानसूनी बिमारियों का कहर अपने चरम-बिंदु पर है और डेंगू व चिकनगुनिया मिलकर पिछले साल की तुलना में दोगुनी तेजी से बीमारी फैला रहे हैं। इन दोनों के साथ मलेरिया ने भी इस बार लोगों पर कहर बरपाया हुआ है। चिकित्सकों ने ये कहते हुए चेताया है कि अभी तो मानसून शुरू हुआ है तो ये स्थिति है। आगे की स्थिति और भयावह हो सकती है।
पूरे देश में मिले डेंगु और चिकनगुनिया के पिछले साल और इस साल के मामले
वर्ष चिकनगुनिया के मामले डेंगु के मामले
2010 48,176 28,292
2011 20,402 18,860
2012 15,977 50,222
2013 8,840 75,808
2014 16,049 40,571
2015 27,553 99,913
2016 (अब तक मिले) 12,255 27,879
(स्रोस- नेशनल वेक्टर बोर्न डीज़िड कंट्रोल प्रोग्राम वेबसाइट)
31 अगस्त 2016 तक पूरे देश में चिकनगुनिया के 12,255 मामले मिले हैं जबकि पिछले साल इससे थोड़े कम मामले अगस्त के अंत तक मिल थे। वहीं डेंगु के 27,879 मामले मिल चुके हैं जिसमें से 60 लोग डेंगु बुखार के कारण काल के गाल में समा चुके हैं। जबकि पिछले साल 99,913 डेंगु के मामले मिले थे जिसमें से 220 लोगों की मृत्यु डेंगु बुखार के कारण हुई थी। गौरतलब है कि ये आंकड़े अब तक अगस्त के अंत में रिकॉर्ड किए गए हैं जबकि अभी तो केवल मानसून की शुरुआत ही हुई है। जिससे की माना जा रहा है कि ये आंकड़े और बढ़ेंगे।
मलेरिया भी बना चिंता का कारण
डेंगू की तुलना में चिकनगुनिया के ज्यादा मामले सामने आने के कारण इस बार चिकनगुनिया ज्यादा चिंता का कारण बना हुआ है। लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि राहत की बात है कि इस बार मरीजों तक दवाईयों की पहुंच जल्दी हो रही है जिससे इन बीमारियों से होने वाली मौत का आंकड़ा घट गया है।
लेकिन डेंगु और चिकनगुनिया के बीच मलेरिया चिकित्सकों और लोगों की सबसे अधिक चिंता का कारण बना हुआ है। क्योंकि इससे बीमार होने वाले लोगों का आंकड़ा दिन पर दिन बढ़ते जा रहा है। इस साल अब तक 4.71 लाख मलेरिया के मामले मिले हैं जिसमें से 119 मलेरिया ग्रस्त मरीजों की मृत्यु हो चुकी है।
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