बिना तकिये के चैन की नींद की कल्पना करना मुश्किल है, खासकर वे लोग जिन्हें बिना तकिये के नींद नहीं आती है। तकिया बिस्तर का वह हिस्सा है जो हमें सुकून प्रदान करता है। एक तकिया दिनभर की थकान दूर को रात में दूर कर देती है। इसलिए तकिये का रखरखाव भी बहुत जरूरी है, क्योंकि हमारे शरीर के बैक्टीरिया तकिये में लग जाते हैं जिनकी सफाई आवश्यक है। ऐसे में सप्ताह में कम से कम एक बार जरूर अपनी तकिया या उसका कवर बदलें। इससे आपको अच्छी नींद भी आएगी साथ ही आप कई तरह की संक्रामक बीमारियों से भी बचे रहेंगे।
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तकिये से होने वाली बीमारियां
आपको ये बात पता होनी चाहिए कि ज्यादा पुरानी तकिया है तो उसमें धूल मिट्रटी के कण चिपक जाते हैं, जो श्वसन के माध्यम से हमारे फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं, जो अस्थमा का कारण बन सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप अपनी तकिया को हमेशा साफ-सुथरा रखें।
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बन सकती है गर्दन में दर्द का कारण
ज्यादा पुरानी तकिये का इस्तेमाल करने से आपके गर्दन में दर्द हो सकता है। दरअसल, ज्यादा पुरानी तकिया आरामदायक नहीं होती है, जिसके कारण वह आपको दर्द दे सकती है।
कैसी हो आपकी तकिया
मार्केट में कई तरह के तकिये मौजूद हैं। बेहतर तकिये का चुनाव करने के लिए आपको यह समझना होगा कि कौन सी तकिया आरामदेह है। पालिएस्टर सबसे सस्ता है, क्लस्टर युक्त इन तकियों को आप वॉशिंग मशीन या बिना मशीन के भी धो सकते हैं। हालांकि इनको दो साल में बदल देना चाहिए। लैटैक्स तकिये बहुत आरामदेह होते हैं, इनको आप कई साल तक उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा मेमोरी फोम वाली तकिया बहुत ज्यादा आरामदेह होती हैं, क्योंकि ये लेटने पर सिर और गर्दन की शेप बना लेते हैं।
सोने के लिए करें अलग कपड़ों का प्रयोग
कुछ लोग सोने के लिए रोजाना पहनने वाले कपड़ों को ही पहनकर सोते हैं, जबकि सोने जाने से पहले हमेशा हल्के और साफ सुथरे कपड़े पहनकर ही सोएं। इससे आपको अच्छी नींद आएगी इसके अलावा आप कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों से बचे रहते हैं।
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