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सेल्युलाईट (त्वचा के नीचे जमा फैट) की समस्या क्यों होती है? जानें इसके कारण और इलाज

अगर आपकी जांघों और पेट के आसपास चर्बी बढ़ने लगी है, तो यह सेल्युलाईट की समस्या हो सकती है। आगे जानते हैं इसके कारण और इलाज का तरीका।   
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सेल्युलाईट (त्वचा के नीचे जमा फैट) की समस्या क्यों होती है? जानें इसके कारण और इलाज


आज के समय में एक्सरसाइज की कमी के कारण लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने लगी है। दरअसल, काम में व्यस्त रहने की वजह से लोगों को सेहत पर ध्यान देने का समय ही नहीं मिल पाता है। ऐसे में हमारे शरीर में मोटापा, आलस और थकान बढ़ने लगती है। मोटापे की वजह से शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। जांघों, कूल्हों व पेट के आसपास के मांस बढ़ने को सेल्युलाईट कहा जाता है। यह समस्या महिला व पुरूषों दोनों को हो सकती है। मुबंई के मेडिकवर अस्पताल के कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन डॉ. निखिल वारगे ने बताया कि सल्युलाईट की समस्या क्यों होती है?

त्वचा पर सेल्युलाईट होने के क्या कारण होते हैं? What Causes Of Cellulitis In Hindi

त्वचा के नीचे जब फैट कनेक्टिव टिश्यू से होकर गुजरता है, तो सेल्युलाईट की समस्या होने लगती है। ज्यादातर महिलाओं को सेल्युलाईट की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसे ऑरेंज पील स्किन के नाम से भी जाना जाता है। इसके लिए कई तरह के इलाज उपलब्ध हैं, लेकिन इसके प्रभाव कुछ समय के लिए ही होते हैं। डाइट में बदलाव, स्मोकिंग से दूरी और एक्सरसाइज को लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाने से आप इस समस्या को कम कर सकते हैं। फिलहाल सेल्युलाईट के कारणों को पता नहीं लगाया सका है। लेकिन, इस समस्या के लिए जिम्मेदार कारकों को आगे बताया गया है। 

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हार्मोनल बदलाव और आयु

सेल्युलाईट होने के पीछे हार्मोनल बदलाव मुख्य भूमिका निभाता है। इंसुलिन, थायराइड हार्मोन, एस्ट्रोजन व प्रौलेक्टिन सेल्युलाईट बनने की प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं। पीरियड्स के समय महिलाओं में एस्ट्रोजन कम हो जाता है, इससे त्वचा के नीचे कनेक्टिव टिश्यू में ब्लड सर्कुलेशन भी कम हो जाता है। इससे कोलेजन कम बनता है। वहीं, एस्ट्रोजन कम होने से फैट सेल्स बढ़ जाते हैं। बढ़ती आयु के कारण भी त्वचा में लचीलापन और ढीलापन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।

जेनेटिक कारक

इस समस्या के लिए जेनेटिक कारक भी जिम्मेदार होते है। आनुवांशिक कारक व्यक्ति की मेटाबॉलिज्म की स्पीड, स्कीन के नीचे फैट के डिस्ट्रीब्युशन को प्रभावित करता है। इससे सेल्युलाईट होने की संभावना बढ़ जाती है। 

खराब जीवनशैली 

शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण सेल्युलाईट की समस्या हो सकती है। इसके आलावा जो लोग डाइट में फैट, नमक और कार्बोहाइड्रेट का सेवन अधिक करते हैं उनको भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। सिगरेट पीने की वजह से भी स्किन पर सेल्युलाईट हो सकता है। 

सेल्युलाईट का इलाज कैसे किया जाता है? Treatment Of Cellulitis In Hindi 

इस समस्या के लिए बाजार में कई तरह के ट्रीटमेंट उपलब्ध है। कॉस्मेटिक सर्जन इसमें आगे बताए गए तरीकों को अपना सकता हैं। 

  • साउंड वेव थेरेपी से सेल्युलाईट को ब्रेक किया जाता है। 
  • लेजर उपचार से स्किन के फैट को कम करना। 
  • मेसोथेरेपी में सुई की मदद से सेल्युलाईट में दवाएं इंजेक्ट की जाती है। 
  • कैफीन या 0.3% रेटिनॉल युक्त क्रीम और लोशन का उपयोग करना। 
  • स्किन पर रेडियोफ्रीक्वेंसी, अल्ट्रासाउंड, इन्फ्रारेड लाइट या रेडियल पल्स का उपयोग किया जाता है। 
  • स्पा ट्रीटमेंट से भी सेल्युलाईट को कम किया जा सकता है।
  • त्वचा पर मसाज करना, आदि।  

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लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव कर आप कई तरह की समस्याओं को दूर कर सकते हैं। रोजाना एक्सरसाइज करने से आपका मोटापा कम होता है और स्किन से जुड़ी समस्याएं कम होती है। 

 

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