पेट के कैंसर का कारण

पेट के कैंसर के मरीज़ों की संख्या आज दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। आइए जानें पेट के कैंसर के कारणों के बारे में।
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पेट के कैंसर का कारण


pet ke cancer ka kaaran in hindiपेट के कैंसर के मरीज़ों की संख्या आज दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। पेट का कैंसर महिलाओं की तुलना में पुरूषों में अधिक होता है। आमतौर पर पेट के कैंसर का पता 60 वर्ष की उम्र तक आते-आते ही पता चलता है। शुरूआत में पेट का कैंसर लक्षणहीन होता है। यह पेट के अंदर असामान्य कोशिकाओं की होने वाली अनियं‍त्रि‍त वृ‍द्घि‍ है। डेस्क जॉब करने वालों में पेट के कैंसर की अधिक संभावना रहती है। समय से पहले थोड़ी सी सावधानी बरतकर आप कैंसर को बढ़ने से रोक सकते हैं, अन्यथा बढ़ने के बाद ये कैंसर बहुत नुकसानदायक हो सकता है। आइए जानें पेट के कैंसर के कारणों के बारे में।

 

  • पेट के कैंसर की संभावना आमतौर पर धूम्रपान, करने वालों में और मादक पदार्थों का सेवन करने वालों में बढ़ जाती है। इसके अलावा वो लोग जो अत्यधिक मसालेदार भोजन करते हैं, उनमें भी पेट के कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • पेट के कैंसर के कुछ कारणों में कोई पुराना विकार जैसे गैस्ट्राइटिस की लंबे समय तक समस्या होना, पेट की किसी भी तरह की कोई शल्य (सर्जरी) चिकित्सा या आनुवांशिक कारणों से भी पेट का कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है। 
  • पेट के कैंसर से बचना है तो अधिक से अधिक मात्रा में फलों और सब्जियों का सेवन करें।
  • जब तक पेट का कैंसर बहुत अधिक बढ़ नहीं जाता तब तक इसके लक्षणों का पता लगाना मुश्किल होता है। इसलिए अगर आपके घर में पहले से ही किसी को कैंसर है तो 50 की उम्र के बाद समय-समय पर चेक अप करवाते रहें।
  • पेट के कैंसर को मलाशय कैंसर के रूप में भी जाना जाता है, पेट का कैंसर बढ़ने पर मृत्यु का जोखिम बढ़ जाता है।
  • पेट का कैंसर बड़ी आंत का कैसर है जो पाचन तंत्र के निचले हिस्से में होता है। यह वह जगह है जहां भोजन से शरीर के लिए ऊर्जा पैदा की जाती है। साथ ही यह शरीर के ठोस अवशिष्ट पदार्थों को भी पचाता है।
  • पेट का कैंसर भीतरी परत से शुरू होकर धीरे-धीरे बाहरी परतों पर फैलता है। इसीलिए यह बताना मुश्किल होता है कि कैंसर कितने भीतर तक फैला हुआ है।
  • पेट के कैंसर के सटीक कारणों का पता लगाना मुश्किल है लेकिन कुछ ऐसे कारक हैं जो पेट के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं जैसे आनुवांशिक कारण, आयु, व्यायाम न करना, धूम्रपान करना, संतुलित खान-पान न होना इत्यादि।
  • पेट के कैंसर के लक्षण ज्ञात नहीं है लेकिन पेट में दर्द होना, मल में रक्त का आना, अचानक से वजन घटना, एनीमिया की शिकायत, कमजोरी महसूस होना इत्यादि इसके लक्षण कहें जा सकते हैं।
  • पेट के कैंसर के उपचार के लिए सर्जरी करवाई जा सकती है। इसके अलावा कीमोथेरेपी, रेडिएशन ट्रीटमेंट के माध्यम से पेट के कैंसर की चिकित्सा संभव हो सकती है।
  • पेट के कैंसर को कम करने के लिए जंकफूड छोड़कर, संतुलित भोजन खासकर तरल पदार्थ जूस, सूप, पानी इत्यादि की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए।
  • अपनी दिनचर्या में प्रतिदिन व्यायाम को शामिल करके भी पेट के कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।

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