हेल्दी रहने के लिए सही डाइट का होना जरूरी होता है और इसलिए डाइट एक्सपर्ट्स भी सुझाव देते अपनी डाइट में ऐसे फूड्स को शामिल करें जो आपको ज्यादा से ज्यादा न्यूट्रिशन दें। हर प्रकार के फूड्स अलग-अलग प्रकार के न्यूट्रिशन प्रदान करते हैं और कई बार किसी चीज का ज्यादा सेवन स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं भी पैदा कर सकता है। ऐसा ही सवाल बहुत लोगों के मन में आता है कि किस प्रकार के फूड्स खाने से यूरिक एसिड बढ़ता है। बहुत से लोगों को लगता है कि नोन-वेज फूड्स खाने से यूरिक एसिड बढ़ता है, जबकि यूरिक एसिड से परेशान कुछ लोग अपनी डाइट में कुछ हद तक नॉन-वेज फूड्स शामिल कर लेते हैं। इसलिए कौन से फूड्स यूरिक एसिड बढ़ाते हैं, इस बारे में एक्सपर्ट से राय लेना जरूरी है। इस बारे में शालीमार बाग में स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पीटल में यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के सीनियर डायरेक्टर डॉ. अनिल वार्ष्णेय ने हमारे साथ कुछ महत्वपूर्ण जानकारी शेयर की है। चलिए, इसके बारे में जानते हैं।
नॉन-वेज खाने से यूरिक एसिड
डॉक्टर अनिल वार्ष्णेय के अनुसार यूरिक एसिड आमतौर पर ऐसे फूड्स खाने से बढ़ता है, जिनमें ज्यादा मात्रा में प्यूरीन पाया जाता है। प्यूरीन एक प्रकार का कंपाउंड है, जब इसका बॉडी में ब्रेकडाउन होता है तो यूरिक एसिड लेवल बढ़ने लगता है। प्यूरीन हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से भी पाया जाता है और यह कुछ फूड्स में भी होता है जो जिसमें वेज और नॉन-वेज दोनों प्रकार के फूड्स शामिल हैं। यदि नॉन-वेज फूड्स की बात करें तो फिश और रेड मीट आदि का सेवन करने से यूरिक एसिड बढ़ सकता है। जिन लोगों का यूरिक एसिड लेवल बढ़ा हुआ है या फिर जिन्हें यूरिक एसिड स्टोन की दिक्कत है, उन्हें इन नोन-वेज फूड्स का सेवन नहीं करना चाहिए।
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यूरिक एसिड बढ़ने का प्रमुख कारण
एक्सपर्ट्स के अनुसार यूरिक एसिड यानी हाइपरयूरिसीमिया के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं, जिनमें जेनेटिक कारण, इंसुलिन रेजिस्टेंस, हाइपरटेंशन, हाइपोथायरायडिज्म, क्रॉनिक किडनी डिजीज, ओबेसिटी, आयरन की अधिकता, डाइयुरेटिक्स दवाओं का ज्यादा इस्तेमाल, शराब का अधिक सेवन और डाइट से जुड़े कुछ कारण हो सकते हैं। उपरोक्त कारणों से यूरिक एसिड आमतौर पर निम्न स्थितियों में बढ़ता है -
- शरीर में प्यूरीन की मात्रा असाधारण रूप से बढ़ जाना या प्यूरीन मेटाबॉलिज्म बढ़ जाना
- पेशाब के माध्यम से प्यूरीन शरीर से कम मात्रा में निकल पाना
- ज्यादा शराब का सेवन, डाइट में ज्यादा फ्रुक्टोज या लंबे समय तक भूखा रहना आदि
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इन लक्षणों को न करें इग्नोर
यदि आप अपनी डाइट में नॉन-वेज या ऐसा कोई फूड ले रहे हैं, जो यूरिक एसिड के खतरे को बढ़ाता है, तो इस दौरान आपको कुछ लक्षणों का ध्यान जरूर रखना चाहिए-
- जोड़ों में तीव्र दर्द होना (जिसके साथ चुभन महसूस होना)
- दिनभर बेचैनी रहना (जो बीच-बीच में ज्यादा बढ़ती रहती है)
- जोड़ों के आसपास सूजन व लालिमा होने लगना
- प्रभावित जोड़ को पूरी तरह से न हिला पाना (कोशिश करने पर जकड़न व तीव्र दर्द महसूस होना)
- प्रभावित जोड़ को छूने दर तीव्र दर्द महसूस होना
यूरिक एसिड का इलाज
हाइपरयूरिसीमिया का इलाज उसके अंदरूनी कारण, स्थिति की गंभीरता और महसूस हो रहे लक्षणों के अनुसार तय किया जाता है। मरीज को महसूस हो रहे लक्षणों के अनुसार कुछ दवाएं दी जाती हैं जैसे पेन किलर और सूजन कम करने वाली दवाएं। साथ ही साथ डाइट में कुछ खास बदलाव किए जाते हैं, जिनमें से प्यूरीन रिच फूड्स को हटा दिया जाता है। इसके अलावा कुछ ऐसी दवाएं भी दी जाती हैं, जो ब्लड में यूरिक एसिड कंसंट्रेशन को कम करने का काम करती हैं।
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