Can Stress Cause Migraine: माइग्रेन एक गंभीर बीमारी है और इसमें होने वाला दर्द बहुत गंभीर होता है। यह बीमारी खानपान, जीवनशैली और स्वास्थ्य से जुड़े कारणों से हो सकती है। माइग्रेन की बीमारी आमतौर पर सिरदर्द के रूप में होती है। इस बीमारी में हमेशा सिर के एक हिस्से में तेज दर्द की समस्या होती है। इसके अलावा माइग्रेन के मरीज लाइट या तेज आवाज की वजह से भी परेशान हो सकते हैं। माइग्रेन की शुरुआत में इसके लक्षणों को पहचानकर उचित कदम उठाने से मरीज जल्दी ठीक हो सकता है। माइग्रेन की बीमारी कई चरणों या स्टेजेस में होती है। ऐसा कहा जाता है की ज्यादा स्ट्रेस लेने से भी आप माइग्रेन के शिकार हो सकते हैं। आइये इस लेख में जानते हैं क्या स्ट्रेस लेने से भी माइग्रेन हो सकता है या नहीं।
क्या स्ट्रेस लेने से माइग्रेन हो सकता है?- Can Stress Cause Migraine in Hindi
माइग्रेन को अक्सर लोग सामान्य सिरदर्द समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। इसकी वजह से यह बीमारी बढ़ती रहती है और धीरे-धीरे मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है। ऐसा कहा जाता है की ज्यादा तनाव या स्ट्रेस लेने वाले लोगों में माइग्रेन का खतरा ज्यादा रहता है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ समीर कहते हैं कि, "माइग्रेन और सिरदर्द एक नहीं होते हैं। वैज्ञानिकों को माइग्रेन के सटीक कारण अभी तक नहीं पता चल पाए हैं, लेकिन यह बीमारी स्ट्रेस, तनाव या मानसिक समस्याओं के कारण ट्रिगर हो सकती है। इसके अलावा खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़ी गलतियों के कारण भी माइग्रेन की समस्या हो सकती है।"
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माइग्रेन के सटीक कारण भले ही नहीं पता चल पाए हैं, लेकिन मस्तिष्क में सेरोटोनिन जैसे हॉर्मोन के स्तर में बदलाव के कारण यह बीमारी ट्रिगर हो सकती है। सेरोटोनिन हॉर्मोन दर्द को कंट्रोल करने में मदद करता है। अमेरिकन माइग्रेन फाउंडेशन की एक रिपोर्ट में भी यह कहा गया है की स्ट्रेस कम करने से माइग्रेन में होने वाली परेशानी कम होती है।
माइग्रेन के लक्षण- Migraine Symptoms in Hindi
माइग्रेन होने पर आधे सिर में दर्द या सिर के एक साइड में दर्द की समस्या होती है। इस बीमारी में आपको सिर में भारीपन और मूड स्विंग जैसी परेशानियां भी हो सकती है। इसके अलावा किसी तेज ध्वनि या लाइट आदि की वजह से भी माइग्रेन में परेशानी होती है। इसके लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
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माइग्रेन की बीमारी चार चरणों या स्टेज में विकसित होती है- प्रोड्रोम, ऑरा, अटैक और पोस्ट-ड्रोम। हालांकि जरूरी नहीं है कि यह बीमारी हर मरीज में चार चरणों में ही हो। माइग्रेन की समस्या में आपको लाइफस्टाइल और खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस बीमारी में नींद की कमी के कारण भी मरीज की परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए डॉक्टर माइग्रेन की समस्या में लोगों को नींद का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।
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