देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और सामने आ रहे नए वैरिएंट के संक्रमण से सुरक्षा देने के लिए सरकार की तरफ से कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज के लिए 10 अप्रैल से ही अनुमति दे दी गयी है। सरकार ने निजी टीकाकरण केंद्रों पर 18 साल की उम्र से अधिक आयु वाले सभी पात्र व्यक्तियों के लिए कोरोना की तीसरी और प्रिकॉशन डोज का प्रावधान किया है। कोरोना की तीसरी डोज को हमारे देश में प्रिकॉशन डोज या बूस्टर डोज के नाम से भी जाना जाता है। बूस्टर डोज दरअसल कोरोना की पहली और दूसरी डोज के बाद शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिए दी जाती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि तीसरी डोज लेने के बाद कोरोना के नए वैरिएंट से संक्रमित होने का खतरा कम हो जाता है। चूंकि देश में बूस्टर डोज 18 साल की उम्र से ज्यादा वाले सभी व्यक्तियों को लगाई जा रही है तो ऐसे में गर्भवती महिलाओं के मन में इसको लेकर तरह-तरह के सवाल बन रहे हैं। चुकी प्रेगनेंसी एक ऐसा फेज है जिसमें जरा सी लापरवाही घातक हो सकती है। तमाम लोगों का ये सवाल है कि क्या गर्भवती महिलाएं कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज ले सकती हैं? आइये जानते हैं इस सवाल पर डॉक्टर की राय।
क्या गर्भवती महिलाएं बूस्टर डोज ले सकती हैं? (Can Pregnant Women Take Covid Vaccine Booster Dose in Hindi)
कोरोना वायरस संक्रमण एक बार फिर से पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है। बीते कुछ सप्ताह से देश में भी कोरोना के नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। देश में 18 साल से अधिक उम्र वाले लोगों के लिए कोरोना की बूस्टर डोज लगाने की अनुमति दी है। सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को कोरोना की बूस्टर डोज अपने चिकित्सक की सलाह पर ही लगवानी चाहिए। गर्भवती महिलाओं के लिए कोरोना के सामने आ रहे नए वैरिएंट का खतरा ज्यादा है। इसको लेकर सरकार ने विस्तार से एक दस्तावेज जारी करते हुए कहा था कि गर्भवती महिलाओं के कोरोना संक्रमित होने पर उनके गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर भी गंभीर असर पड़ता है। इससे बचने के लिए उन्हें कोरोना की वैक्सीन और बूस्टर डोज का शॉट भी लेना चाहिए।
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बाबू ईश्वर शरण अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डॉ समीर के मुताबिक कोरोना वायरस के नए वैरिएंट का खतरा ऐसे लोगों में ज्यादा है कि पहले से किसी बीमारी या समस्या से ग्रसित हैं। प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को अक्सर अस्पताल में जांच और डॉक्टर की सलाह के लिए जाना पड़ता है। ऐसे में उनके संक्रमित होने का रिस्क भी बढ़ जाता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को कोरोना के नए वैरिएंट के खतरे से बचने के लिए बूस्टर डोज लेनी चाहिए। डॉक्टर ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को बूस्टर डोज लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
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प्रेगनेंसी में कोविड वैक्सीन का बूस्टर डोज लगवाना कितना सुरक्षित है? (Pros and Cons of Covid Vaccine Booster Dose While Pregnant?)
गर्भवती महिलाओं को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। ऐसे में इम्यूनिटी बढ़ाने और कोरोना संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए बूस्टर डोज लेना बहुत जरूरी है। सरकार की तरफ से भी गर्भवती महिलाओं के लिए बूस्टर डोज की अहमियत के बारे में बताया गया है। डॉक्टर के मुताबिक बूस्टर डोज लेने से गर्भवती महिलाओं के शरीर में कोरोना के नए वैरिएंट से बचाव के लिए प्रतिरक्षा बनती है और यह डोज पहली और दूसरी डोज की तरह ही है। बूस्टर डोज लगवाने के बाद भले ही आपको पहली और दूसरी डोज की तरह कुछ दिक्कतें हों लेकिन यह आपके लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। हालांकि डॉक्टर ने यह भी कहा कि अगर आपको प्रेगनेंसी के दौरान कोई गंभीर बीमारी या समस्या है तो बूस्टर डोज लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
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कोरोनावायरस की वैक्सीन का डोज लेने के बाद अगर आप कुछ गलतियां करते हैं तो इसकी वजह से आपको कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसकी वजह से आपके शरीर में कोरोना वैक्सीन लेने के बाद दिखने वाले साइड इफेक्ट्स ज्यादा दिखेंगे बल्कि वैक्सीन का असर भी कम हो सकता है। इसलिए कोरोना वैक्सीन लेने के बाद आपको इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज या तीसरी डोज लेने के बाद आपको संक्रमण के प्रति लापरवाह नहीं होना चाहिए। संक्रमण से बचने के लिए सभी जरूरी उपायों का ध्यान रखना चाहिए।
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