
स्कूल की छुट्टी के बाद बच्चे ठेलों पर पानी-पूरी, टिक्की-चाट, बर्फ का गोला, मोमोज आदि का लुत्फ उठाते दिख जाते हैं। वहीं ऑफिस के लंच टाइम में लोग खुले में बिक रहे खाने का आनंद ले रहे होते हैं। आपको बता दें कि बाहर के खाने में बैक्टीरिया हो सकते हैं। दूषित खाना खा लेने के कारण, बैक्टीरिया हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। यही बैक्टीरिया आगे चलकर बीमारी का कारण बनते हैं। ऐसी ही एक बीमारी है जिसे हम लिस्टीरियोसिस (Listeriosis) के नाम से जानते हैं। यह एक खाद्य जीवाणु बीमारी है। इस बीमारी की चपेट में कोई भी आ सकता है। बच्चों से लेकर बड़ों तक में इस बीमारी के होने की संभावना लगभग बराबर ही होती है। एक समय ऐसा भी था जब यह एक रेयर संक्रमण हुआ करता था। लेकिन आज के समय में हम घर का बना ताजा खाने के बजाय बाहर के खाने पर ज्यादा निर्भर हो गए हैं। इस आदत के कारण लिस्टीरियोसिस का खतरा भी बढ़ गया है। चलिए जानते हैं लिस्टीरियोसिस के लक्षण, कारण, बचाव के उपाय और इलाज। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ में डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के असिसटेंट प्रोफेसर डॉ संजीत कुमार सिंह से बात की।
लिस्टीरियोसिस के लक्षण- Listeriosis Symptoms
इस संक्रमण के संपर्क आने के 10 हफ्ते के अंदर, लक्षण नजर आने लगते हैं। लिस्टीरियोसिस के नर्वस सिस्टम या खून में फैलने के कारण, व्यक्ति की स्थिति गंभीर हो सकती है। इस संक्रमण के कारण ये लक्षण नजर आ सकते हैं-
- सिर दर्द होना।
- गर्दन में अकड़न महसूस होना।
- ठंड लगना।
- बुखार आना।
- भ्रम होना।
- दस्त होना।
- मांसपेशियों में दर्द होना।
- उल्टी या मतली की समस्या।
लिस्टीरियोसिस के कारण- Listeriosis Causes
- दूषित खाना या पानी पी लेने के कारण इस बीमारी के लक्षण नजर आते हैं। यह सबसे मुख्य कारण है।
- खाने के दौरान साफ-सफाई का ख्याल न रखना।
- पुराना या बासी भोजन को खाना।
- प्रेग्नेंसी में डायबिटीज, कैंसर जैसी बीमारी होने पर इस संक्रमण के होने का खतरा ज्यादा होता है।
- इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण भी आप इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
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लिस्टीरियोसिस का पता कैसे चलता है?- Listeriosis Diagnosis
इस बीमारी की पुष्टि के लिए डॉक्टर ब्लड कल्चर टेस्ट कराते हैं। इस जांच की मदद से खून में सूक्ष्मजीव की जांच की जाती है। लिस्टीरियोसिस बीमारी, लिस्टीरिया बैक्टीरिया के कारण होती है। यह बैक्टीरिया दूषित खाने के अलावा संक्रमित पानी, मिट्टी और पशुओं के मल में भी पाया जाता है। यह बैक्टीरिया लंबे समय तक जीवित रह सकता है। यही कारण है कि फ्रिज में खाना रखने के बाद भी यह बैक्टीरिया ग्राे करता है। दूषित खाने के कारण फूड पॉइजनिंग की समस्या हो सकती है।
लिस्टीरियोसिस से कैसे बचें?- How To Prevent Listeriosis
- लिस्टीरियोसिस इन्फेक्शन, दूषित खाने से फैलता है इसलिए कुछ भी खाने से पहले इन बातों का ख्याल रखें-
- इस बीमारी से बचने के लिए प्रोसेस्ड मीट या नॉनवेज फूड्स का सेवन न करें।
- किसी भी पैक्ड फूड को खरीदने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट चेक करें।
- बाजार से कच्ची सब्जियों को लाकर, खाने से पहले उसे अच्छी तरह से धो लें।
- रेडी टू ईट फूड्स को फ्रिज में लंबे समय तक स्टोर करके नहीं रखना चाहिए।
- खाना साफ जगह पकाएं। खाने को सही तापमान में अच्छी तरह से पकाकर खाना चाहिए।
लिस्टीरियोसिस का इलाज- Listeriosis Treatment
लिस्टीरियोसिस होने पर डॉक्टर डाइट का खास ख्याल रखने की सलाह देते हैं। इस दौरान डॉक्टर पानी का ज्यादा सेवन करने के लिए कहते हैं। हल्के लक्षणों के मामले में, बीमारी कुछ समय में ठीक हो जाती है। वहीं कुछ मामलों में इस संक्रमण का इलाज एंटीबायोटिक्स के साथ किया जाता है। गर्भवती महिलाओं की इम्यूनिटी कमजोर होती है इसलिए प्रेग्नेंसी में लिस्टीरियोसिस जैसे संक्रमण होने की आशंका बढ़ जाती है। प्रेग्नेंसी में यह संक्रमण होने से गर्भपात, रक्त संक्रमण, भ्रूण की मौत आदि जटिलताओं को खतरा बढ़ जाता है।
बारिश के दिनों में लिस्टीरियोसिस संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। कोशिश करें कि घर का बना ताजा खाना ही खाएं। यह जानकारी पसंद आई हो, तो शेयर करना न भूलें।