कुछ महिलाओं को कंसीव करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दरअसल, महिलाओं और पुरुषों की प्रजनन क्षमता का बेहतर होना बेहद जरूरी है। कई बार महिलाओं को हार्मोन बदलाव के कारण भी कंसीव करने में समस्या हो सकती है। हार्मोन का अनियंत्रण प्रोलैक्टिन के कारण भी हो सकता है। इसके हाई लेवल से महिलाओं को कंसीव करने में देरी हो सकती है। साथ ही, यह शरीर पर भी बुरा असर डालता है। प्रोलैक्टिन पिट्यूटरी ग्लैंड के द्वारा बनने वाला हार्मोन है, जो ब्रेन के निचले हिस्से में होता है। प्रोलैक्टिन के हाई लेवल को हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया कहा जाता है। जो महिलाएं हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया से पीड़ित होती है, तो उनको अनियमित पीरियड्स का सामना करना पड़ सकता है। इस लेख में जानेंगे कि प्रोलैक्टिन हॉर्मोन क्या होता है और इससे प्रजनन क्षमता (high prolactin and infertility) किसी तरह प्रभावित होती है।
हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया से क्या इनफर्टिलिटी हो सकती है? - Can hyperprolactinemia cause infertility?
अमेरिकन सोसाइटी ऑफ रिप्रोडक्वटिव मेडिसिन के अनुसार हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया की स्थिति महिलाओं और पुरुषों दोनों में हो सकती है। लेकिन, महिलाओं में यह समस्या पुरुषों की तुलना में अधिक होती है। साईं पॉलीक्लीनिक की स्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विभा बंसल के अनुसार हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया में करीब एक तिहाई महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म की समस्या हो सकती है। जब यह स्थिति होती है, तब महिलाओं को गर्भधारण करने में परेशानी (does high prolactin affect fertility) हो सकती है। इसके साथ ही, कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के बिना भी ब्रेस्ट मिल्क बनने लगता है। इसे गैलेक्टोरिया कहा जाता है। इसके अलावा, जिन महिलाओं को गैलेक्टोरिया होता है, उनमें से ज्यादातर महिलाओं में हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया देखने को मिलता है। हाई प्रोलैक्टिन लेवल एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन जैसे अन्य हार्मोन में स्तर को बाधित कर सकते हैं। यह ओव्यलेशन प्रक्रिया में बदलाव कर सकते हैं या रोक सकते हैं। इससे महिलाओं को पीरियड्स मिस होना या अनियमित होने की समस्या का सामना करना पड़ता है। कुछ महिलाओं में हाई प्रोलैक्टिन के बावजूद कुछ लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।
वहीं, पुरुषों में हाई प्रोलैक्टिन गैलेक्टोरिया, शारीरिक संबंध बनाने के दौरान इरेक्शन की समस्या, सेक्स की इच्छा में कमी व इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है। इसका इलाज न करने पर पुरुषों के शुक्राणु भी प्रभावित हो सकते हैं।
हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया के सामान्य कारण क्या हो सकते हैं? - Causes of hyperprolactinemia in Hindi
- पिट्यूटरी ग्लैंड में ट्यूमर (प्रोलैक्टिनोमास)
- अवसाद और उच्च रक्तचाप के लिए दी जाने वाली दवाओं का असर
- हाइपोथायरायडिज्म (अंडरएक्टिव थायराइड)
- सीने में जलन होना (सर्जरी के बाद निशान, दाद होना)
- तनाव व एक्सरसाइज (ज्यादा एक्सरसाइज करना)
- कुछ तरह के आहार का सेवन, आदि।
हाई प्रोलैक्टिन की जांच कैसे की जाती है? - How To Diagnose Hyperprolactinemia In Hindi
हाई प्रोलैक्टिन की जांच के लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट का सलाह देते हैं। कई बार खाना खाने के बाद टेस्ट करने या स्ट्रेस में टेस्ट के रिजल्ट गलत आ सकते हैं। इसके लिए डॉक्टर आपको खाली पेट और रिलैक्स होने पर ही टेस्ट करने के लिए सैंपल देने की सलाह देते हैं।
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महिलाओं और पुरुषों दोनों को प्रजनन क्षमता को बेहतर करने के लिए लाइफस्टाइल में महत्वपूर्ण बदलाव करने चाहिए। आप एक्सरसाइज, योग और डाइट में बदलाव कर हॉर्मोन के स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं। साथ ही, एक स्लीप पैर्टन फॉलो करने से आप हार्मोन से जुड़ी समस्याओं को आसानी से दूर कर सकते हैं।