Does Head Trauma Lead To Autism: ऑटिज्म एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें व्यक्ति दूसरों के साथ सामान्य तौर पर कम्यूनिकेट या इंटरैक्ट नहीं कर पाता है। यह एक तरह की न्यूरोडेवेलपमेंट कंडीशन है और बचपन से ही इसके लक्षण उभरने लगते हैं। इनका बिहेवियर अन्य बच्चों से अलग होता है। ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे एक ही तरह का व्यवहार बार-बार दोहराते हैं। बहरहाल, कई लोगों को यह लगता है कि हेड इंजुरी की वजह से भी ऑटिज्म हो सकता है? हालांकि, यह देखने में भी आता है कि कई बार सिर में चोट लगने के बाद व्यक्ति में जो लक्षण नजर आते हैं, वे कहीं न कहीं ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों से मिलते-जुलते हैं। ऐसे में क्या यह कहना सही होगा कि हेड इंजुरी यानी सिर पर चोट लगने की वजह से ऑटिज्म हो सकता है? आइए, जानते हैं इस संबंध में क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और सुकून साइकोथैरेपी सेंटर की फाउंडर दीपाली बेदी का क्या कहना है।
क्या हेड इंजुरी से ऑटिज्म हो सकता है?- Can Brain Injury Cause Autism
सिर पर गंभीर चोट लगना अपने आप में एक बड़ी समस्या है, लेकिन क्या यह कहना सही है कि हेड इंजुरी की वजह से ऑटिज्म हो सकता है? इस पर डॉक्टर का कहना है, "आमतौर पर हेल्ड इंजुरी की वजह से ऑटिज्म नहीं होता है। जैसा कि हमने लेख के शुरुआत में इसका जिक्र किया है कि ऑटिज्म एक तरह का कॉम्प्लेक्स न्यूरोडेवेलपमेंट डिस्ऑर्डर है। यह ब्रेन डेवेलपमेंट के दौरान आए बदलाव की वजह से होता है।" डॉक्टर आगे समझाते हैं, "हालांकि, यह देखने में आता है कि कई बार हेड इंजुरी के बाद मरीज में वही लक्षण नजर आते हैं, जो कि ऑटिज्म से पीड़ित लोगों में होता है। ऐसे में मरीज का इलाज करना भी काफी मुश्किल हो जाता है। इसके साथ-साथ यह भी जान लेना जरूरी है कि जिन लोगों को ऑटिज्म होता है, उन्हें हेड इंजुरी का रिस्क अधिक होता है। ऐसा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इन लोगों में एक ही तरह के बर्ताव को बार-बार दोहराने की आदत होती है।"
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हेड इंजुरी के बाद ऑटिज्म जैसे लक्षण दिखें तो क्या करें?
मिलें एक्सपर्ट सेः अगर किसी को हेड इंजुरी हो गई और इसके बाद वह ठीक वैसे ही बर्ताव कर रहा है, जैसे ऑटिज्म से पीड़ित लोग करते हैं, तो इसको लेकर जरा भी लापरवाही न करें। तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट या साइकोलॉजिस्ट से व्यक्ति विशेष का इलाज करवाएं।
मिलेगी सही जांचः डॉक्टर के पास जाने पर यह पता चल सकेगा कि क्या एक्सीडेंट या हेड इंजुरी की वजह से व्यक्ति विशेष में ऑटिज्म के लक्षण उभरे हैं या पहले से ही व्यक्ति में ये लक्षण थे, जिसके बारे में परिवार को नहीं पता था।
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ऑटिज्म और हेड इंजुरी के मरीजों में अंतर
- आमतौर पर ऑटिज्म बहुत बचपन से ही लोगों में होती है, जो कि शुरुआती ब्रेन डेवेलपमेंट के दौरान आए बदलाव की वजह से होता है। यह ऐसी कंडीशन नहीं है, जो भविष्य में कभी अपने आप डेवेलप हो सके।
- ब्रेन इंजुरी की बात करें, तो बाहरी इंजुरी होती है, जो कि ब्रेन फंक्शन पर नेगेटिव असर डालती है।
- हालांकि, ऑटिज्म और हेड इंजुरी होने पर दोनें के कई लक्षण आपस में मेल खाते हुए नजर आ सकते हैं। इसी वजह से मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत आवश्यक हो जाती है। खासकर, अगर बच्चों को भी सिर में चोट लगे, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।
- जिन लोगों को ऑटिज्म होता है, उन्हें हेड इंजुरी या एक्सीडेंट का रिस्क अधिक होता है, क्योंकि ऐसे लोग खुद को सही तरह से मैनेज नहीं कर पाते हैं और एक ही जैसा बर्ताव बार-बार करते हैं।
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