
Eggoz Cancer Controversy: अंडे खाने से भी कैंसर हो सकता है! जी हां, भले ही आपको इस बात पर विश्वास न हो रहा हो लेकि न हाल ही में अंडे के एक पॉपुलर ब्रांड एगोज (Eggoz) के अंडों में कैंसर पैदा करने वाले एजेंट्स मिले हैं। दरअसल,ट्रस्टीफाइड (YouTube channel Trustified), जो भारत का पहला 100% ब्लाइंड टेस्टिंग सर्टिफिकेशन प्रोग्राम है, इसके द्वारा किए गए एक चौंकाने वाले ब्लाइंड लैब टेस्ट में एगोज के अंडों में कैंसर पैदा करने वाले एजेंट्स मिले हैं। इसके बाद देश भर के उपभोक्ताओं में चिंता फैल गई है। इस वायरल वीडियो में टेस्टिंग के नतीजे दिखाए गए हैं, जिन्हें देखकर चैनल के होस्ट भी स्तब्ध रह गए, जिससे पोल्ट्री सुरक्षा मानकों, नियामक निगरानी और भ्रामक ब्रांड दावों पर गंभीर सवाल उठे। इतना ही नहीं, इंस्टाग्राम पर Dr. Manan Vora ने भी इस बारे में लोगों को जागरूक किया है। इसके अलावा हमने नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग की एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. नीतू पांडे (Dr. Neetu Pandey, Associate Consultant, Radiation Oncology, Fortis Hospital, Noida) से भी इन इंग्रीडिएंट्स के बारे में बात की।
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क्या कहा Dr. Manan Vora ने?
डॉ. मनन बताते हैं कि Eggoz Nutrition जो कि अंडे के लिए एक फेमस ब्रांड है, इसके अंडों की ब्लाइंड टेस्टिंग में कैंसर कारक एजेंट्स (Cancer Causing Agents) मिले हैं। इस ब्लाइंड लैब परीक्षण में एगोज के अंडों में कैंसर से जुड़े प्रतिबंधित नाइट्रोफ्यूरान (nitrofuran) मेटाबोलाइट AOZ के अंश पाए गए हैं। फ्यूराजोलिडोन जैसी नाइट्रोफ्यूरान दवाएं प्रतिबंधित हैं क्योंकि उनके अवशेष डीएनए को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कई देशों में इन्हें कैंसरकारी माना जाता है और पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
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अंडा में कैसे आए ये कैंसर कारक एजेंट्स
डॉ. मनन बताते हैं कि कैंसर कारक एजेंट्स असर में मुर्गी के द्वारा अंडों में पहुंचे हैं। दरअसल, पोल्ट्री में एंटीबायोटिक के रूप में इन एजेंट्स का इस्तेमाल होता रहा है और मुर्गियों को इंफेक्शन से बचाने के लिए इनके सुई दिए जाते हैं।
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क्यों खतरनाक हैं अंडे में मिलने वाले ये एजेंट्स
डॉ. नीतू पांडे बताती हैं कि ट्रस्टिफाइड के इस टेस्टिंग में दो खतरनाक, प्रतिबंधित पोल्ट्री दवाओं का परीक्षण किया है जिसमें
-नाइट्रोफ्यूरान यौगिक (Nitrofuran compounds)
-नाइट्रोइमिडाजोल (Nitroimidazoles) मिले हैं।
नाइट्रोफ्यूरान यौगिक (Nitrofuran compounds) के बारे में NHS की ये स्टडी बताती है कि नाइट्रोफ्यूरान एक नाइट्रोफ्यूरान एंटीबायोटिक है, जो नाइट्रोइमिडाज़ोल्स जैसे, मेट्रोनिडाज़ोल से अलग श्रेणी की दवा है। हालाँकि, दोनों दवाओं के कुछ संभावित दुष्प्रभाव समान हैं, जिनमें तंत्रिका क्षति सबसे बड़ा नुकसान है।सामान्य दुष्प्रभाव में मतली, उल्टी, पेट दर्द, भूख न लगना, सिरदर्द और चक्कर आना जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। इसके अलावा नाइट्रोइमिडाजोल (Nitroimidazoles) पेट से जुड़ी समस्याओं की वजह बन सकते हैं। इसके अलावा ये नर्वस सिस्टम को भी नुकसान पहुंचाते हैं।

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बता दें कि ये दोनों ही अपनी कैंसरकारी प्रकृति के कारण अंडों और पोल्ट्री में पूरी तरह से अवैध हैं क्योंकि ये सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह हो सकते हैं। जैसे कि ये डीएनए को नुकसान पहुंचा सकते है और इनमें बदलाव कर सकते हैं। इसके अलावा ये इम्यूनिटी कमजोर करने के साथ कैंसर सेल्स को बढ़ावा देते हैं। इतना ही नहीं ये प्रजनन स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं और लंबे सनय तक शरीर में जमा होकर रहने समय तक रहने वाली सेहत से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
ट्रस्टीफाइड के परीक्षण से पता चलता है कि अंडे ऊपर से भले ही पौष्टिक लगे लेकिन इनमें छिपा रासायनिक जोखिम उपभोक्ताओं की समझ से कहीं ज्यादा खतरनाक हो सकता है। कई भारतीय परिवार, खासकर बच्चों के लिए, रोजाना पोषण के लिए अंडों पर निर्भर हैं, उनके लिए यह खुलासा बेहद चिंताजनक है। इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात अधिकारियों और नियामकों की चुप्पी है जबकि इस मामले में उचित जांच, जवाबदेही और कार्रवाई होनी चाहिए।
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FAQ
कैंसर में अंडे खा सकते हैं क्या?
कैंसर में एक हेल्दी डाइट के तहत आप अंडे का सेवन कर सकते हैं जो कि सेहत के लिए काफी पोषण प्रदान करते हैं। इसके अलावा आप एक्सपर्ट से पूछकर भी इसका सेवन कर सकते हैं।क्या मीठा खाने से कैंसर बढ़ता है?
क्या मीठा खाने से कैंसर बढ़ता है तो ये गलत है। हालांकि, अगर जिन मीठी चीजों में कैंसर कारक एंग्रीडिएंट्स हैं वे कैंसर पैदा कर सकते हैं जैसे कि कलरफुल चॉकलेट।कैंसर पेशेंट को क्या क्या नहीं खाना चाहिए?
कैंसर के मरीजों को बहुत ज्यादा मसालेदार व तले-भुने खाने से, प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड, ज्यादा चीनी, शराब और तंबाकू से बचना चाहिए। ये कैंसर सेल्स को बढ़ावा देते हैं जिससे ये बीमारी ट्रिगर कर सकती है।
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Current Version
Dec 09, 2025 16:46 IST
Published By : Pallavi Kumari