व्यक्ति में कई कारण से डिप्रेशन हो सकता है। डॉक्टर की मानें तो आज के समय पर बढ़ता स्ट्रेस डिप्रेशन की एक मुख्य वजह बन सकता है। लेकिन, इसके अलावा अकेलापन, फैमिली हिस्ट्री, प्रेग्नेंसी, हार्मोनल बदलाव, मेनोपॉज, शराब और धूम्रपान डिप्रेशन की समस्या को बढ़ा सकता है। डिप्रेशन में व्यक्ति खुद को अकेला समझने लगता है, ऐसे में व्यक्ति की लाइफस्टाइल में बदलाव आने लगता है। डिप्रेशन की वजह से नींद की क्वालिटी खराब हो सकती है। साथ ही, मानसिक स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट आ सकती है। कुछ समय पहले हुई रिसर्च में पाया कि डिप्रेशन के कारण स्ट्रोक का जोखिम अधिक हो सकता है। वहीं, जिन लोगों को पहले ही स्ट्रोक हो चुका है, डिप्रेशन की वजह से उनकी रिकवरी प्रक्रिया धीमी हो सकती है। आगे मेडिकवर अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर जयेंद्र यादव से जानते हैं कि डिप्रेशन कैसे स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
डिप्रेशन और स्ट्रोक के बीच संबंध - Connection Between Depression And Stroke In Hindi
डिप्रेशन एक तरह मूड डिसऑर्डर है, जिसके लक्षणों में लगातार उदासी, थकान, भूख न लगना, नींद के पैटर्न में बदलाव, माइंड फोकस करने में परेशानी आदि इमोशन शामिल होते हैं। यह बार-बार और लंबे समय तक हो सकता है, जो किसी व्यक्ति के जीवन और काम करने की क्षमता को काफी हद तक खराब कर सकता है।
ब्रेन के किसी हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) न होने या या कम होने से स्ट्रोक हो सकता है, इससे ब्रेन के टिश्यू को ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। इस स्थिति में ब्रेन के सेल्स कुछ मिनट में डैमेज हो सकते हैं। स्ट्रोक इस्केमिक हो सकता है, जो रक्त के थक्को के कारण होता है। इसके अलावा, ब्रेन में खून बहने (Blood flow in brain) की वजह से भी स्ट्रोक हो सकता है। यह एक इमरजेंसी स्थिति होती है, इसमें जल्द इलाज की जरूरत होती है।
हाल ही, में हुई रिसर्च में पाया गया कि डिप्रेशन की वजह से लोगों को स्ट्रोक का खतरा करीब 45 फीसदी तक बढ़ सकता है। आगे जानते हैं उन कारकों के बारे में जिनकी वजह से डिप्रेशन में स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
- सूजन: डिप्रेशन की वजह से लंबे समय तक सूजन बनी रह सकती है। इससे नसों खराब होने की संभावना अधिक होती है, जिसकी वजह से नसों में प्लाक बन सकता है। इससे स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है।
- ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम डिसफंक्शन: डिप्रेशन की वजह से ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम प्रभावित हो सकता है, इससे हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
- बिहेवरियल फैक्टर: डिप्रेशन की वजह से स्मोकिंग, शराब, खाने की गलत आदतें और शारीरिक गतिविधियों में कमी आ सकती है। इसकी वजह से स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है।
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डिप्रेशन को कम करके आप स्ट्रोक होने की संभावना को कम कर सकते हैं। इसके लिए आप जीवनशैली में बदलाव करें। साथ ही, डाइट में पौष्टिक चीजों का सेवन करें। शराब और धूम्रपान से दूरी बनाएं। यह आपके ब्लड सर्कुलेशन प्रक्रिया और नसों को प्रभावित कर सकती हैं। इससे स्ट्रोक व हार्ट से जुड़ी अन्य समस्याओं का जोखिम बना रहता है।