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क्या सर्जरी के बाद रक्त के थक्के (blood Clots) बन सकते हैं? डॉक्टर से जानें

कुछ लोगों सर्जरी के बाद ब्लड क्लॉटिंग की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। आगे जानेंगे कि ऐसा क्यों होता है। इससे कैसे बचा जा सकता है।   
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क्या सर्जरी के बाद रक्त के थक्के (blood Clots) बन सकते हैं? डॉक्टर से जानें


गंभीर रोगों का इलाज और चोटों को ठीक करने के लिए डॉक्टर सर्जरी का करते हैं। कुछ बीमारियों को बढ़ने से रोकने के लिए सर्जरी की जा सकती हैं। लेकिन, सर्जरी के कुछ जोखिम हो सकते है, सर्जरी के बाद एक जटिल समस्या में ब्लड क्लॉटिंग को शामिल किया जा सकता है। इसे वेनस थ्रोम्बोइम्बोलिज्म (Venous Thromboembolism- VTE) भी कहा जाता है। किसी भी सर्जरी से पहले ब्लड क्लॉटिंग होने की संभावना को रोगी को समझना बेहद आवश्यक है। इस लेख में आपको सर्जरी और ब्लड क्लॉट के बीच के संबंध और इससे बचाव के तरीकों के बारे में बताया गया है। 

सर्जरी और ब्लड क्लॉट के बीच संबंध - Connection Between Surgery And Blood Clotting In Hindi 

सर्जरी, विशेष रूप से रक्त प्रवाह में परिवर्तन से जुड़ी प्रक्रियाएं है। इस प्रक्रिया में मरीज को ब्लड क्लॉट का जोखिम अधिक हो सकता है। डॉ. रजत चोपड़ा, कंसलटेंट न्यूरोलॉजी, नारायणा सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल से जानते हैं कि सर्जरी के बाद ब्लड क्लॉट के पीछे कई कारक मुख्य भूमिका निभाते हैं। 

  • मूवमेंट में कमी (Immobilization): सर्जरी के बाद, रोगियों को दर्द, सूजन या ऑपरेशन के बाद की सावधानियों के कारण अंगों के मूवमेंट (गतिशीलता) में कमी हो सकती है। लंबे समय तक मूवमेंट न करने से नसों में ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो सकता है, जिससे ब्लड क्लॉट हो सकता है। 
  • एंडोथेलियल चोट (Endothelial Injury): सर्जिकल प्रक्रियाएं रक्त वाहिका (नसों) के अस्तर (एंडोथेलियम) को नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिससे  कैस्केड की शुरुआत हो सकती है और चोट के स्थान पर रक्त के थक्के (ब्लड क्लॉट) बन सकते हैं।
  • हाइपरकोएग्युलेबिलिटी (Hypercoagulability): सर्जरी के बाद सूजन और प्रोकोएगुलेंट कारकों के रिलीज होने से शरीर में क्लॉट और एंटीकोएग्युलेंट मेकेनिज्म (anticoagulant mechanisms) के बीच नाजुक संतुलन को बाधित कर सकती है, जिससे रोगियों में ब्लड क्लॉट बनने की संभावना अधिक होती है।
  • वेनस स्टेसिस (Venous Stasis): ब्लड सर्कुलेशन के फ्लो में परिवर्तन, जैसे वेनस स्टेसिस (नसों में धीमा रक्त प्रवाह) सर्जरी के दौरान हो सकता है। यह लंबे समय तक बिस्तर पर आराम करने या स्थिति से जुड़ी प्रक्रियाओं में हो सकता है।

सर्जरी से जुड़े ब्लड के प्रकार में डॉक्टर डीप वेन थ्रोम्बोसिस (डीवीटी) और पल्मोनरी एम्बोलिज्म (पीई) को शामिल करते हैं।

blood clotting after surgery  

सर्जरी के बाद ब्लड क्लॉट से कैसे बचाव करें - Prevention Tips Of Blood Clotting After Surgery In Hindi 

  • मूवमेंट करना (Early Ambulation): सर्जरी के बाद मूवमेंट करने से नसों में ब्लड सर्कुलेशन सामान्य बनाए रखने में मदद मिलती है। साथ ही, इसे वेनस स्टेसिस से बचाव होता है। मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर पैरों के व्यायाम और चलने का प्रयास करना चाहिए।
  • कम्प्रेशन थेरेपी (Compression Therapy): कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स या अन्य कम्प्रेशन उपकरणों का इस्तेमाल करने से नसों में रक्त प्रवाह ठीक होता है और शरीर के निचले हिस्से में रक्त इकट्ठा होने की स्थिति से बचाव होता है। यह ब्लड क्लॉटिंग की संभावना को कम करने में सहायक होता है। 

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सर्जरी के बाद भी व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का जोखिम रहता है। ऐसे में ब्लड क्लॉट स्थिति को गंभीर कर सकता है। यदि, इस तरह के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर उचित सलाह लें। 

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