Can babies eating indian blackberry or jamun during monsoon: मानसून में कई तरह के नए फल आते हैं। इन फलों में जामुन को भी शामिल किया जाता है। जामुन को इंडियन ब्लैकबेरी के नाम से भी जाना जाता है। यह फल बड़ों और बच्चों हर उम्र के लोगों को खूब पसंद आता है। आयुर्वेद के अनुसार जामुन में का सेवन करने से कई तरह की रोगों से बचाव होता है। डायबिटीज रोगियों के लिए किसी चमत्कारी फल से कम नहीं है। इसका फल और गुठलियां पाउडर बनाकर लेने से ब्लड शुगर कंट्रोल कहोती है। इसमें मैगनीशियम, विटामिन सी, आयरन, कैल्शियम, सोडियन और एंटीऑक्सीडेंट जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। लेकिन, कई बार अभिभावकों के मन में प्रश्न उठता है कि क्या जामुन बच्चों को खिला सकते हैं? लोगों की इन्हीं शंकाओं को दूर करने के लिए एसेंट्रिक डाइट क्लीनिक की डाइटिशियन शिवाली गुप्ता से जानते हैं कि क्या बच्चों को जामुन का सेवन करना सुरक्षित (Can Babies Eating Jamun) होता है?
क्या बच्चों को जामुन खिला सकते हैं? - Can babies eating indian blackberry or jamun during monsoon in Hindi
अगर, बच्चा छह माह से कम है तो उसकी डाइट में किसी भी तरह का फल शामिल न करें। छह माह तक बच्चा केवल मां का दूध ही पीता है। इसके बाद जब आप बच्चे को ठोस आहार देना शुरु करते हैं, तो ऐसे में आप अन्य फलों की तरह बच्चे को जामुन का सेवन भी करा सकते हैं। छह माह के बाद बच्चे का पाचन तंत्र विकसित होना शुरु होता है। ऐसे में आप उसे बेहद कम मात्रा में सभी चीजें टेस्ट करने के लिए दे सकते हैं।
जामुन में विटामिन सी बच्चे की इम्यूनिटी को मजबूत करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, आयरन और हिमोग्लोबिन को बढ़ाने में सहायक होते हैं। साथ ही, जामुन में फाइबर पर्याप्त मात्रा पाई जाती है, जो कब्ज को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा, जामुन में कैल्शियम और पोटैशियम (Calcium and potassium) पाया जाता है, जो बच्चों की हड्डियों और दांतों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
बच्चे को जामुन खिलाते समय क्या सावधानी बरतें? - Precaution Tips to giving jamun to Babies In Hindi
एलर्जी प्रतिक्रिया - Allergic Reaction
कुछ बच्चों को कुछ खास तरह के फल से एलर्जी होती है। ऐसे में आप बच्चे को शुरुआती तौर पर थोड़ी मात्रा में जामुन दें। इसके बाद चेक करें कि उसको किसी तरह की एलर्जिक प्रतिक्रिया जैसे की चकत्ते, सूजन, सांस लेने में तकलीफ आदि तो नहीं हो रही है। अगर, बच्चे को किसी तरह की समस्या हो रही है तो उसे जामुन न दें और उसको बच्चों के डॉक्टर के पास ले जाएं।
अच्छी तरह से धोएं - Wash Properly
मानसून में नमी के कारण बैक्टीरिया बढ़ने की समस्या हो सकती है। कई बार जामुन को लंबे समय तक ठीक रखने के लिए प्रीजर्वेटिव का उपयोग कर सकते हैं। ऐसे में आप गंदगी और बैक्टीरिया से बचाव के लिए जामुन को साफ पानी से अच्छी तरह धोकर ही बच्चे को दें।
छिलके के उतार लें - Peel Off
जामुन का छिलका सख्त हो सकता है और बच्चों के लिए पचाना मुश्किल हो सकता है। जबकि, कुछ बच्चों को यह निगलने में परेशानी हो सकती है। ऐसे में आप जामुन के छिलके को छीलकर ही बच्चे को दें।
कम मात्रा में जामुन खिलाएं - Less Quantity
बच्चा जब फल खाना शुरु करता है, तो उसको कई चीजों को टेस्ट पसंद नहीं आता है। ऐसे में आप उसे कम मात्रा में जामुन खिलाएं। ज्यादा खिलाने से बच्चे का पेट खराब हो सकता है।
जामुन की गुठलियां अलग करें
बच्चे के जामुन का केवल पल्प ही खाने के लिए दें। यदि, बच्चे को पूरा जामुन दिया जाए तो गुठली उसके फूड पाइप में अटक सकती है। ऐसे में आप जामुन को बच्चे की पहुंच से दूर रखें और उसे केवल पल्प ही खाने के लिए दें।
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आप बच्चे को सीधे तौर पर या स्मूदी के रूप में भी जामुन का सेवन कर सकते हैं। जामुन बच्चे की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इसका सेवन करने से आप बच्चे की इम्यूनिटी पावर मजबूत होती है और उसकी हड्डियां (Bone Strength) भी मजबूत बनती है। आप अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद बच्चे को जामुन खिला सकते हैं।