विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार महिलाओं में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर है। दुनियाभर में करोड़ों महिलाएं हर साल ब्रेस्ट कैंसर का शिकार होती है। इसके साथ ही जानने की बात यह भी है कि अगर कैंसर की शुरुआत के 5 सालों में इसका पता चल जाए, तो ब्रेस्ट कैंसर को ठीक किया जा सकता है। मगर हाल में हुई एक रिसर्च में यह दावा किया गया है कि जिन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होता है, उनमें इलाज के बाद हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
ब्रेस्ट कैंसर के बाद कई खतरे
इस रिसर्च में बताया गया है कि जिन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर रहा है और उन्होंने सफलतापूर्वक इसका इलाज भी करवा लिया है, उनमें बाद के समय में हड्डियों के कमजोरी, समय से पहले मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। ये रिसर्च ब्राजील के साओ पाओलो की पाउलिस्टा स्टेट यूनिवर्सिटी में किया गया है। ये अध्ययन बताता है कि 45 साल की उम्र के बाद जिन महिलाओं के ब्रेस्ट कैंसर का इलाज होता है, उनमें कार्डियोवस्कुलर बीमारियों (धमनी रोगों) का खतरा बढ़ जाता है। इस रिसर्च को 'नॉर्थ अमेरिकन मेनोपॉज सोसायटी' द्वारा प्रकाशित जर्नल 'मेनोपॉज' में प्रकाशित किया गया है।
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कैंसर के इलाज के बाद हार्ट अटैक
कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी कैंसर के इलाज के लिए सुरक्षित माने जाते हैं, मगर इनके कारण पैदा होने वाले टॉक्सिन्स के प्रभाव को कम करने के लिए उन महिलाओं को विशेष एंटीएस्ट्रोजन डोज दी जाती है, जिनका कैंसर एस्ट्रोजन सेंसिटिव होता है। ऐसे में महिलाओं में एस्ट्रोजन की कमी हो जाती है, जिससे उन्हें हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट जैसी दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
45 साल से बड़ी उम्र की महिलाओं को ज्यादा खतरा
रिसर्च में 228 महिलाओं को शामिल किया गया, जिनमें से 96 महिलाओं के ब्रेस्ट कैंसर का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका था, जबकि 192 महिलाएं पूरी तरह स्वस्थ थीं और उन्हें कभी किसी भी तरह का ब्रेस्ट कैंसर नहीं था। ये सभी महिलाएं 45 साल या इससे बड़ी उम्र की थीं, जिनका मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) हो चुका था। रिसर्च में पाया गया कि जिन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर नहीं था, उनमें से किसी को भी दिल की बीमारी नहीं हुई जबकि ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करवा चुकी महिलाओं में कई में कार्डियोवस्कुलर बीमारियां पाई गईं।
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शरीर में बढ़ जाती हैं कई बीमारियां
शोधकर्ता बताते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के बाद महिलाओं का मेटाबॉलिक सिंड्रोम बढ़ जाता है। इसके अलावा डायबिटीज, हाइपरट्राईग्लिसरीडीमिया और पेट से मोटापे आदि का खतरा भी बढ़ जाता है। ये सभी बीमारियां दिल के रोगों को बढ़ावा देती हैं।
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