ब्रेस्ट कैंसर अब सिर्फ महिलाओं तक सीमित नहीं रह गया है। यह अब पुरुषों के लिए भी समस्या बन रहा है। हाल में हुए एक शोध के अनुसार हर 1000 पुरुषों में से एक को ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका है।
अमेरिका में हुए इस शोध के हिसाब से हर साल तकरीबन 1900 पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के मामले पाए जाते हैं जबकि इनमें से 400 पुरुषों की मृत्यु का कारण ब्रेस्ट कैंसर ही है। हालांकि महिलाओं में यह संख्या 100 गुना तक अधिक है।
इस शोध में यह नयी बात निकलकर आयी कि पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर की वजह काफी हद तक महिलाओं से मिलती-जुलती है। शोधकर्ताओं ने शोध में पाया कि पुरुषों के शरीर में, फीमेल हार्मोन एस्ट्रोजन की अधिक मात्रा से साइटोकिन्स की मात्रा अधिक होती है जिससे उनके शरीर में मौजूद ब्रेस्ट कैंसर के लिए जिम्मेदार जीन बीआरसीए 2 सक्रिय हो जाता है।
शोध में बताया गया कि वे पुरुष जो बहुत अधिक फैटी डाइट लेते हैं या कम शारीरिक श्रम करते हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका अधिक होती है।
शोध में यह भी पाया गया कि पुरुषों को आमतौर पर ब्रेस्ट कैंसर की अधिक जानकारी नहीं होती, जिस कारण से उनमें इस कैंसर का पता भी देरी से चलता है जो अक्सर जानलेवा साबित होता है।
वहीं दूसरी ओर देश के कई चिकित्सा विशेषज्ञों का भी मानना है कि कुछ वर्षों में पुरुषों में स्तन कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। चिकित्सक इसके लिए बदलती जीवन शैली को एक बड़ा कारण मानते हैं।
पुरुषों में अतिरिक्त एक्स क्रोमोसोम होना क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम कहलाता है। कई बार यह पुरुषों में स्तन कैंसर का कारण बन जाता है, हालांकि पुरुषों में यह बीमारी आनुवांशिक असमान्यता के कारण भी हो सकती है।
पहले भी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के 1990-96 के आंकड़ों से संबंधी एक रिपोर्ट ‘कंसोलिडेटेड रिपोर्ट ऑफ पॉपुलेशन बेस्ड कैंसर रजिस्ट्रीज’ में पुरुषों में कुल स्तन कैंसर के लगभग 2.77 फीसदी मामले पाए जाने की जानकारी दी गई थी।
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