
अक्टूबर स्तन कैंसर जागरूकता माह है - महिलाओं में दूसरे सबसे आम कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक अंतर्राष्ट्रीय अभियान चलाया जाता है। कुछ महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों को नोटिस करने के बाद स्तन कैंसर का पता चल सकता है और शुरुआती फेज में इसका इलाज किया जा सकता है। वहीं विशेषज्ञों की मानें तो हर महिला को 40 से 50 वर्ष की उम्र के बाद लगातार अपना हेल्थ चेकअप करवाना चाहिए। पर हाल ही में ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ा एक अजीब वाकया हुआ। दरअसल एक महिला ने जब थर्मल कैमरे से अपनी फोटो खिंचवाई, तो उन्हें तस्वीरों में अपने ब्रेस्ट पर एक पैच नजर आया। आइए हम आपको बताते हैं इस घटना के बारे में।
स्कॉटलैंड घूम रही एक महिला की जिंदगी उस वक्त बदल गई जब एक थर्मल कैमरे से फोटो खिंचवाने पर तस्वीर से उन्हें अपना ब्रेस्ट कैंसर दिखा। हैरानी कि बात यह है कि थर्मल कैमरे से ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारियों का पता नहीं लग सकता पर ऐसा इस महिला के साथ हुआ। 41 वर्षीय बेल गिल, एडिनबर्ग में कैमरा ऑब्स्कुरा एंड वल्ड ऑफ इल्यूजन की अपनी यात्रा को याद करते हुए इसकी पूरानी तस्वीरों को देख रही थीं। इसी दौरान उन्हें एक तस्वीर में अपने ब्रेस्ट के ऊपर एक पैच जैसा कुछ दिखा। जिसके बाद गिल डॉक्टर के पास अपने ब्रेस्ट का चेपकअप के लिए चली गई। चेकअप के दौरान उन्हें पता चला कि उन्हें प्रारंभिक यानी फर्स्ट स्टेज ब्रेस्ट कैंसर है। विशेषज्ञों की मानें तो गिल भाग्यशाली हैं कि उन्हें अपने ब्रेस्ट कैंसर का जल्दी पता चल गया, जबकि थर्मल इमेजिंग कैमरे की किसी भी बीमारी का स्क्रीनिंग में सक्षम नहीं होती।
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मई में कैमरा ऑब्स्कुरा एंड वल्ड ऑफ इल्यूजन से घूम के आने के बाद गिल ने कैमरा ऑब्स्कुरा की साइट पर जाकर इस इमेज के बारे में बताया और पता करने कि कोशिश की उनके ब्रेस्ट पर इस तरह के जलते हुए पैच का क्या मतलब हो सकता है। गिल ने स्तन कैंसर और थर्मल इमेजिंग कैमरों के बारे में लेख देखा। कैमरा ऑब्स्कुरा वेबसाइट पर प्रकाशित एक पत्र में उन्होंने लिखा, "मेरी अब दो सर्जरी हो चुकी हैं और इसे फैलने से रूक गया है। मैं सिर्फ आपको धन्यवाद कहना चाहती हूं। उस कैमरे के बिना, मुझे कभी पता नहीं चलता और मेरा उपचार नहीं हो पाता। मुझे पता है कि यह कैमरे की क्षमता नहीं लेकिन मेरे लिए यह वास्तव में एक जीवन बदलने वाली बात है।
लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञ स्क्रीनिंग उद्देश्यों के लिए उपकरणों का उपयोग करने की सलाह नहीं देते हैं। एनएचएस लोथियन के चिकित्सा निदेशक डॉ. ट्रेसी गिल्लीज का कहना है कि उनकी टीम स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए डिजिटल मैमोग्राफी का उपयोग करती हैं। मैमोग्राम चित्र बनाने के लिए कम ऊर्जा वाले एक्स-रे का उपयोग करते हैं, जो किसी कैमरे की क्षमता नहीं है। हालांकि पहले थर्मल इमेजिंग कैमरों को कैंसर का पता लगाने के लिए प्रयोग किया गया है लेकिन साइंस के हिसाब से यह कभी भी एक प्रमाणित स्क्रीनिंग टूल नहीं रहा है।
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'द रॉयल कॉलेज ऑफ रेडियोलॉजिस्ट' में क्लिनिकल रेडियोलॉजी के उपाध्यक्ष कैरोलिन रूबिन की मानें तो कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि थर्मल कैमरे स्तन कैंसर या अन्य चिकित्सा स्थितियों के लिए स्क्रीनिंग में प्रभावी उपकरण हैं। साइंस की माने तो थर्मोग्राफी का उपयोग करने के पीछे सिद्धांत यह है कि कैमरे के हीट से शरीर की सतह के करीब गर्मी और ब्लड सर्कुलेशन का पैटर्न मालूम किया जा सकता है। रुबिन ने बताया कि कैंसर ट्यूमर गर्मी पैदा करते हैं क्योंकि वे एक होते हैं जिससे आकार में बड़े दिखते हैं। यही कारण है कि कैमरे में गिल का ब्रेस्ट कैंसर आ गया।वहीं डॉक्टरों व विशेषज्ञों का यही मानना है कि महिलाओं को नियमित रूप से अपने शरीर का मैमोग्राफी स्क्रीनिंग करवाना चाहिए।
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