रक्त दान को महादान कहा जाता है। इससे बीमारों और दुर्घटनाग्रस्तट लोगों को तो सहायता मिलती ही है, मुश्किल के समय में हमें और हमारे अपनों को भी उसका लाभ मिलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार यदि किसी देश की एक प्रतिशत जनसंख्या भी रक्त दान करती है तो उस देश के जरूरतमंदो को रक्त की पर्याप्त आपूर्ति हो जाएगी। सबसे जरूरी यह समझना है कि रक्त बाजार में नहीं मिलता इसकी आपूर्ति दान के रक्त से ही संभव है।
इतना ही नहीं रक्तदान करने वाला भी नुकसान में नहीं रहता इससे उसकी भी सेहत सुधरती है और शारीरिक तंत्र तरोताजा हो जाता है। रक्त दान करना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अति उत्तम और सुरक्षित विधि है।
नई दिल्ली स्थित सरोज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के ब्लड और ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन की एचओडी डॉ.रीना बंसल का कहना है कि स्वस्थ व्यक्ति जिसकी आयु 18 से 60 वर्ष हो, वजन 45 किलोग्राम से कम न हो, वह किसी घातक बीमारी से पीड़ित न हो और उसके रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा 12.5 मि.ग्रा. हो, तो ऐसा व्यक्ति रक्तदान कर सकता है जो पूर्वतय सुरक्षित एवं लाभदायक होता है।
रक्तदान से जुड़ी कुछ खास बातें
- इस काम में केवल 5 से 7 मिनट ही लगते हैं लेकिन पूरी प्रक्रिया में 30 से 40 मिनट लग जाते हैं।
- पहले प्राथमिक स्वास्थ्य की जांच होती है, फिर ब्लड ग्रुप देखकर प्रशिक्षित ब्लड बैंक टीम के द्वारा रक्त निकाल कर सुरक्षित कर लिया जाता है।
- आवश्यक पात्र को चढ़ा दिया जाता है या विनिमय कर लिया जाता है।
- जितना रक्त दानकर्ता के शरीर से निकाला जाता है उसकी पूर्ति 24 से 48 घंटे के अंदर स्वतः हो जाती है।
- 350 मि.ली. एक यूनिट ब्लड निकालने में केवल 650 कैलोरी ऊर्जा खर्च होती है जो कि एक समय पर पौष्टिक नाश्ते के ऊर्जा के बराबर होते हैं।
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डॉ. रीना बंसल का कहना है कि जैसे-जैसे रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है, वैसे ही रक्त दान की आवश्यकता भी बढ़ती जा रही है कैंसर के निवारण के लिए कीमोथेरेपी जैसे कुछ उपचारों में, रोगियों को दैनिक रक्त की आवश्यकता होती है। कार दुर्घटना में घायल रोगियों को भी 100 यूनिट रक्त की आवश्यकता हो सकती है, इसके अतिरिक्त, रक्त का निर्माण नहीं किया जा सकता है, अतः रक्त की आपूर्ति का एकमात्र स्रोत रक्तदान ही है।
रक्तदान के दौरान इन बातों का रखें ख्याल
- रक्त दान करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए सबसे पहले रक्तदान पूरी तरह सुरक्षित है, जो करना चाहे आसानी से कर सकता है।
- प्रत्येक दाता के लिए नया और जीवाणुरहित उपकरण का उपयोग किया जाता है जब वह रक्त दान करता है, इसलिए रक्तदान के बाद कोई भी संचारी रोग या संक्रमण होना असंभव है।
- इसके अलावा, रक्त के दान के बाद किसी प्रकार दुनिया में कई तरह के लोग रहते हैं और हर किसी का स्वभाव एक-दूसरे से अलग होता है लेकिन ब्लड ग्रुप के जरिए हर लोगों के स्वभाव के बारे में कुछ पता लगा सकते हैं।
- ब्लड ग्रुप 8 तरह के होते हैं और सभी लोगों का अलग-अलग ब्लड ग्रुप होता है।
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ब्लड ग्रुप से जुड़े कुछ दिलचस्प फैक्ट्स
- ए पॉजिटिव, ए नेगेटिव, बी पॉजिटिव, बी नेगेटिव, एबी पॉजिटिव, एबी नेगेटिव, ओ पॉजिटिव, ओ नेगेटिव।
- रक्तदान दो प्रकार से किया जाता है। पहला, कोई व्यक्ति स्वेयच्छा से रक्त दान कर सकता है ताकि उसका रक्त किसी जरूरतमंद की जान बचाने में उपयोग किया जा सके।
- दूसरा, जब जरूरतमंद व्यकक्ति के सगे-संबंधी सीधेतौर पर उसके लिए रक्त्दान करें।
- किसी व्यक्ति को तीन महीने में एक बार से अधिक रक्तरदान नहीं करना चाहिए और ब्लड बैंक को भी किसी ऐसे व्यक्ति का रक्त नहीं लेना चाहिए जिसने रक्तंदान का अंतराल पूरा न किया है।
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