योग के अभ्यास से शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य का संतुलन बना रहता है। महिलाएं हों या पुरुष सभी के लिए योग फायदेमंद है, इसका नियमित अभ्यास आपको कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं से बचा सकता है। खासकर महिलाओं को अपने बिजी शेड्यूल से योग के लिए समय जरूर निकालना चाहिए। 40 की उम्र के बाद महिलाओं में कई तरह के हार्मोनल बदलाव आते हैं, जिसके कारण महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह वो समय होता है जब महिलाओं में प्री मेनोपॉज के लक्षण नजर आने लगते हैं। इस लेख में योग शिक्षक रजनीश 3 ऐसे योगासन बता रहे हैं, जिनके अभ्यास से महिलाओं को अनेक लाभ मिल सकते हैं।
40 की उम्र के बाद महिलाएं जरूर करें ये 3 योगासन - Best Yoga Poses For Women Over 40 In Hindi
1. विपरीतकर्णी आसन - Viparita Karani Asana
महिलाओं के लिए विपरीतकर्णी आसन का अभ्यास फायदेमंद साबित होता है। विपरीतकर्णी को नियमित अभ्यास करने से आंखों की रोशनी बेहतर होती है और थकान दूर होती है। इसके अलावा इस आसन के अभ्यास से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिसका अच्छा असर स्किन और बालों पर पड़ता है। विपरीतकर्णी आसन के अभ्यास से बढ़ती उम्र के साथ भी आपकी स्किन जवां नजर आएगी। कई बार महिलाओं की स्किन पर उम्र जल्दी झलकने लगती है, अगर आप भी इस तरह की समस्याओं से जूझ रही हैं तो विपरीतकर्णी आसन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
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2. पर्वतासन - Parvatasana
महिलाओं के लिए 40 की उम्र के बाद पर्वतासन का अभ्यास करने के कई फायदे हो सकते हैं। यह आसन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। नियमित रूप से पर्वतासन का अभ्यास करने से शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव होता है, जिससे आपकी मांसपेशियां मजबूत होती हैं। कई महिलाओं को 40 की उम्र के बाद कमर दर्द की शिकायत हो जाती है, ऐसे में पर्वतासन का अभ्यास करने से कमर की मांसपेशियों को लचीलापन मिलता है और कमर की मजबूती बढ़ती है, जिससे कमर के दर्द से राहत मिल सकती है। पर्वतासन का अभ्यास करने से शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है। जिससे स्ट्रेस, डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी समस्याएं दूर हो सकती हैं।
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3. हलासन - Halasana
हलासन का नियमित अभ्यास करने से पेट की चर्बी कम होती है, पाचन तंत्र सुधरता है और पेट की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। इसके अलावा 40 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में तेजी से हो रहे हार्मोनल बदलावों के लक्षणों में भी कंट्रोल करने में सहायक होता है। हलासन का अभ्यास करने से थायराइड को नियंत्रित किया जा सकता है, जो की 40 की उम्र के बाद किसी महिला के लिए एक आम समस्या हो सकती है। हलासन पीठ और गर्दन की मांसपेशियों को संतुलित करता है और लंबे समय तक बैठे रहने की आदत से आई समस्याओं को दूर करने में भी सहायक हो सकता है। हलासन का नियमित अभ्यास करने से गर्भाशय से जुड़ी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। कई महिलाओं को 40 की उम्र के बाद काम के प्रेशर और अन्य कारणों से अनिद्रा की शिकायत हो जाती है, ऐसे में हलासन का अभ्यास करने से नींद अच्छी आएगी और अनिद्रा जैसी समस्याएं भी दूर हो सकती हैं।
इन आसनों का सही तरीके से अभ्यास करने से, महिलाओं को स्वास्थ्य को सुधारने में मदद मिल सकती है। लेकिन ध्यान रखें कि योग को अभ्यास योग शिक्षक या एक्सपर्ट की निगरानी में सीखने के बाद ही करें।
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