Best Flour For Pcos In Hindi: पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को अपने खानपान का बहुत खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। अगर वे कुछ अनहेल्दी या गलत फूड्स का सेवन करती हैं, तो इससे उनके लक्षण गंभीर हो सकते हैं। अच्छी बात यह है कि अगर पीसीओएस होने पर आप कुछ स्वस्थ फूड्स को अपनी डाइट का हिस्सा बना लें, तो यह आपके लिए बहुत लाभकारी भी हो सकता है। अक्सर पीसीओएस वाली महिलाओं को यह सलाह दी जाती है कि उन्हें ग्लूटेन फ्री अनाज से बनी रोटियों का सेवन करना चाहिए। उन्हें गेहूं और मैदा से बनी चीजों का सेवन कम और अन्य मिलेट्स का सेवन अधिक करने की सलाह दी जाती है। अगर आप अन्य मिलेट्स से बने आटे की रोटियों का सेवन करते हैं, तो इससे आपकी स्थिति में बहुत सुधार देखने को मिल सकता है। यह पीसीओएस वाली महिलाओं की कई समस्याएं भी दूर कर सकती है। सर्टिफाइड डायटीशियन शिखा कुमारी (MSc Food Nutrition & Dietetics) की मानें, तो "सही प्रकार का आटा चुनना वजन घटाने और पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) के प्रबंधन के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इसका ब्लड शुगर लेवल सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और अधिकतम पोषण प्राप्त होता है। एक इंस्टाग्राम पोस्ट में उन्होंने वजन घटाने और पीसीओडी प्रबंधन के लिए 7 तरह के आटे शेयर किये हैं, इन्हें डाइट में शामिल करके आप आसानी से पीसीओएस में सुधार कर सकते हैं।
PCOS में सुधार के लिए डाइट में शामिल करें ये 7 तरह के आटे- Which Atta Is Best For PCOS In Hindi
1. ओट्स का आटा
ओट्स में घुलनशील फाइबर अधिक होता है, जो वजन घटाने और ब्लड शुगर लेवल को स्थिर करने में मदद करता है। ओट्स के आटे का उपयोग स्वास्थ्यवर्धक पकवान पकाने के लिए किया जा सकता है।
2. क्विनोआ का आटा
क्विनोआ एक संपूर्ण प्रोटीन अनाज है और ग्लूटेन-मुक्त है। क्विनोआ आटा पोषक तत्वों से भरपूर है और वजन प्रबंधन में मदद कर सकता है।
3. चने का आटा (बेसन)
चने का आटा ग्लूटेन-मुक्त होता है और इसमें गेहूं के आटे की तुलना में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को स्थिर करने में मदद कर सकता है।
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4. मल्टीग्रेन आटा
मल्टीग्रेन आटा गेहूं, ज्वार, बाजरा और जई जैसे विभिन्न अनाजों को मिक्स करके तैयार किया जाता है। यह पोषक तत्वों और फाइबर का मिश्रण प्रदान करता है, जो इसे अधिक पौष्टिक विकल्प बनाते हैं।
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5. साबुत गेहूं का आटा
साबुत गेहूं का आटा फाइबर से भरपूर होता है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने और तृप्ति की भावना को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, जिससे यह वजन प्रबंधन और पीसीओडी वाली महिलाओं के लिए एक अच्छा विकल्प बन जाता है।
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6. बाजरा (मोती बाजरा) का आटा
बाजरा ग्लूटेन-फ्री होता है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है, जो इसे ब्लड शुगर कंट्रोल और वजन के प्रबंधन के लिए बहुत लाभकारी बनाता है।
7. रागी (फिंगर बाजरा) आटा
रागी में हाई फाइबर और आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं, साथ ही यह ग्लूटेन- फ्री होता है, जो वजन और पीसीओडी के लिए फायदेमंद हो सकता है।
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