अमेरिकन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ में छपी एक स्टडी के मुताबिक फ्लोरेंसेंट लाइट, ब्राइट लाइट, कूल लाइट के संपर्क में आने से आंखों की बीमारियों का खतरा 12 प्रतिशत बढ़ जाता है। सोचकर देखिए कि इन लाइट्स के बीच हम अपना ज्यादातर समय बिताते हैं। लेकिन इनसे होने वाले नुकसान के बारे में कभी गौर नहीं करते। आंखों के लिए सही लाइट जरूरी है। चीजों को देखने के लिए अगर गलत लाइट का इस्तेमाल करेंगे, तो आंखें कमजोर हो सकती हैं। ब्लाइंडनेस के अलावा आंखों से पानी आना, आंखों में चुभन जैसी दिक्कतें भी महसूस होने लगती हैं। आंखों की बीमारियों से बचने के लिए हम आपको बताएंगे लाइट के अच्छे और बुरे स्रोत के बारे में। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
कौनसी लाइट आंखों के लिए अच्छी है?
आंखों की सेहत के बारे में बात करें, तो लाइट बल्ब, एलईडी बल्ब या सीएफएल बल्ड या लाइट, आंखों के लिए अच्छे माने जाते हैं। ये ब्लू लाइट का निर्माण नहीं करते। जानते हैं इनके बारे में विस्तार से-
स्पैकट्रम बल्ब
स्पैकट्रम या लाइट बल्ब का इस्तेमाल भी आंखों के लिए अच्छा होता है। इनसे अच्छा ब्राइटनेस और क्रॉन्ट्रास्ट बनता है। अच्छी लाइट से आपकी आंखों पर जोर नहीं पड़ता। इसके अलावा इंकेंडेसंट वॉर्म लाइट बल्ब भी आंखों को ज्यादा हानि नहीं पहुंचाते। इनसे निकलने वाली वॉर्म लाइट आंखों के लिए नुकसानदायक नहीं मानी जाती।
एलईडी बल्ब
एलईडी लाइट के बारे में कई मिथ प्रचलित हैं। एक मिथ के अनुसान एलईडी बल्ड ब्लू लाइट का निर्माण करते हैं। जबकि ऐसा नहीं है। एलईडी, वॉर्म लाइट का निर्माण करते हैं। एलईडी बल्ब यूवी रेज का निर्माण नहीं करते। ब्लू लाइट से आंखों पर जोर पड़ता है और आंखें कमजोर होने लगती हैं।
सीएफएल बल्ब
सीएफएल (Compact Fluorescent Light) बल्ब यूवी रेज का निर्माण कम करते हैं। सफेद इंकेंडेसंट लाइट और फ्लोरेसेंट ट्यूब बल्ब के मुकाबले सीएफएल बल्ब ज्यादा अच्छे होते हैं। आप उन्हें लाइट के स्रोत के रूप में चुन सकते हैं। हालांकि सीएफएल बल्ब में थोड़ी मात्रा में मर्क्यूरी मौजूद होता है। लेकिन उसकी मात्रा फ्लोरेसेंट बल्ब में मौजूद मर्क्यूरी से कम होती है।
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कौनसी लाइट आंखों के लिए अच्छी नहीं होती?
सबसे पहले आपको बता दें कि सूरज की रौशनी से आंखों को बचाना चाहिए। सूरज की रौशनी, यूवी रेज का निर्माण करती हैं जो आंखों के लिए हानिकारक होती हैं। आपको सूरज की रौशनी को ग्लासेज के बिना नहीं देखना चाहिए। इसके अलावा ब्लू लाइट के जितने स्रोत हैं उनसे भी बचना चाहिए, जैसे- स्मार्टफोन की लाइट, टैबलेट या लैपटॉप की लाइट आदि से बचना चाहिए। इसके अलावा ब्राइट लाइट, कूल फ्लोरेसेंट ट्यूब बल्ब, इंकेंडेसंट ब्राइट लाइट से बचें।
लाइट के बुरे प्रभाव से आंखों को कैसे बचाएं?
- विटामिन ए रिच फूड्स का सेवन करें।
- स्क्रीन पर लगातार काम करने से बचें।
- हर 20 मिनट में, 20 सेकेंड के लिए 20 फीट दूर देखें।
- लैपटॉप या फोन की ब्राइटनेस को न ज्यादा कम और न ज्यादा रखें।
- अंधेरे में फोन चलाने या पढ़ने से बचें।
- अंधेरे में ज्यादा देर टीवी न देखें।
- डॉक्टर की सलाह पर आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें ताकि आंखें ड्राई न हों।
आंखों को हेल्दी रखने के लिए ऊपर बताए टिप्स को आजमाएं, विटामिन ए रिच फूड्स का सेवन करें। लगातार स्क्रीन देखने से बचें। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।