योगासन से शरीर को कई लाभ मिलते हैं। इसकी मदद से शरीर को सुडौल, सुगठित और स्वस्थ बनाने में मदद मिलती है। योगासन एक तपस्या है, जिससे आपकी पर्सनैलिटी भी अच्छी होती है और कई अवसर भी मिलते हैं। इसके लिए आप राजकपोतासन योग कर सकते हैं। राजकपोतासन की मदद से आपका शरीर लचीला और ताकतवर बनता है। इसकी मदद से हिप्स,कंधे और कमर की मांसपेशियों में भी खिंचाव आता है। इस योगासन की मदद से आपके शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा अगर आप वर्क फ्रॉम होम करते हैं, तो ये योगासन आपके लिए काफी कारगर है। इससे आपके पूरे शरीर की एक्सरसाइज हो सकती है और शरीर एक्टिव भी रहता है। आइए इस योगासन के फायदे और करने के तरीके के बारे में विस्तार से जानते हैं।
राजकपोतासन योग के फायदे
1. ये योगासन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है।
2. इसके अभ्यास से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आता है और पाचन तंत्र भी मजबूत होता है।
3. कमर और पीठ की समस्याएं खासकर साइटिका को दूर करता है।
4. इस आसन से हिप्स वाले भाग में लचीलापन बढ़ सकता है।
5. इस आसन के अभ्यास से पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है।
6. इससे सीना चौड़ा होता है और कमर की हड्डियों में भी मजबूती आती है।
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राजकपोतासन करने का तरीका
1. योग मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं। ध्यान रहे कि आपके घुटने हिप्स के समानांतर में हो जबकि दोनों हाथ कंधे की सामने से थोड़ा आगे होंगे।
2. अब आप धीरे-धीरे दाएं घुटने को आगे की बढ़ाएं, फिर घुटने को आगे लाकर दाईं कलाई तक ले आएं। ऐसा करते हुए दाएं पिंडली जांघ के नीचे रहेगी। दाएं पैर को बाएं घुटने के आगे ले आएं जबकि दाईं पिंडली का बाहरी हिस्सा फर्श पर विश्राम मुद्रा में रहने दें।
3. धीरे-धीरे अपने बाएं पैर को पीछे की तरफ ले जाएं। घुटने को मजबूत बनाए रखें और जांघों के सामने का हिस्सा फर्श की तरफ गिराएं। दाएं हिप का बाहरी हिस्सा फर्श पर टिकाने की कोशिश करें जबकि दाईं एड़ी को बाएं हिप के सामने ले आएं।
4. आप इस दौरान अपने दाएं घुटने को दाईं तरफ रख सकते हैं।
5. आपका बायां पैर हिप से बाहर की तरफ निकली और बढ़ी हुई रहेगी। ध्यान दें कि वह बाईं तरफ न मुड़े। पैर को भीतर की तरफ मोड़िए।
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6. गहरी सांस लें और सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए बाएं पैर को घुटने से मोड़ें।
7. सांस को छोड़ते हुए ही जांघों को पीछे की तरफ पुश करें। इस अभ्यास के दौरान सिर को पीछे की ओर ले जाएं और जितना ज्यादा हो सके सिर को पीछे की ओर ले जाने की कोशिश करें ताकि आपका सिर पैर को छू सके।
8. हाथों को ऊपर की तरफ उठाएं, हाथों को कोहनियों से धीर-धीरे मोड़ें। आपने हाथों से पैर को पकड़कर सिर की तरफ लाएं ताकि वह सिर को छू सके।
9. अपनी स्थिति बनाएं रखें और नीचे की तरफ दबाएं। इसके बाद पसलियों को नीचे की तरफ से हल्का झटका देते हुए प्रेशर को बढ़ा दें। सीने को ऊपर की तरफ उठाने के लिए कंधों पर दबाव बनाएं।
10. इस मुद्रा को करीब एक मिनट तक करने की कोशिश करें। धीरे-धीरे वापस प्रारंभिक मुद्रा में आने का प्रयास करें। अपने हाथों को फर्श पर लाएं और धीरे-धीरे घुटनों को नीचे ले आएं। धीरे-धीरे बाएं घुटने को आगे की ओर बढ़ाएं। सांस को छोड़ते हुए वापस पहले वाली स्थिति में आ जाएं।
11. इस योगासन के दौरान सांसों की गति को बनाएं रखें। इसके बाद आराम से बैठ जाएं। सांस लेते और छोड़ते हुए आप फिर से इस प्रक्रिया को दोहरा सकते हैं।
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सावधानियां
1. शरीर में किसी भी तरह का दर्द होने पर इस योगासन को न करें।
2. इस मुद्रा को हमेशा ट्रेनर की देखरेख में ही करें, वरना आपको चोट लग सकती है।
3. इसका गलत तरीके से अभयास करने से आपको घुटने, गर्दन और पैरों में चोट लग सकती है। अगर आपकी हिप्स में दर्द हो, तो उस स्थिति में भी इस योगासन को न करें।
4. इस अभ्यास को सुबह खाली पेट में करें। अगर आप इस अभ्यास को शाम करना चाहते हैं, तो कम से कम 6 घंटे तक कुछ न खाएं। इस आसन के दौरान ढीले कपड़े पहनें।
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