सेज के पत्ते को अक्सर लोग तेज पत्ता के नाम से भी जानते हैं, मगर तेज पत्ता और सेज के पत्ते में काफी फर्क है। सेज के पत्ते को विज्ञान की भाषा में साल्विया ऑफिसिनैलिस कहा जाता है। दरअसल यह मिंट परिवार का ही एक प्रकार है, जो काफी औषधीय गुणों का भरमार है। सेज को लोग मसाले की तरह भी इस्तेमाल करते हैं पर आयुर्वेद में इसका एक खास दर्जा है। आयुर्वेद में सेद के पत्ते को सूखा कर तेल बनाकर कई दवाईयों को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। सेज हमारे शरीर के लिए कई प्रकार से लाभदायक है। इसका प्रयोग अक्सर माइग्रेन, डिप्रेशन और अल्जाइमर जैसी दिमागी बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है। इसके अलावा सेज का तेल जोड़ों के दर्द और महिलाओं में मीनोपॉज के दौरान होने वाली परशानी को कम करने में सहायक है। आइए हम आपको बताते हैं सेज को इस्तेमाल करने के 5 फायदे।
ओरल हेल्थ
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि हम अपने ओरल हेल्थ यानी कि मुंह और दांतों का अच्छे से ख्याल रखें। सेज का इस्तेमाल करके मुंह और दांतों को भी स्वस्थ रखा जा सकता है। दरअसल, सेज में एंटिबैक्टीरियल गुण पाया जाता है, जो बैक्टीरिया को दूर रखने में मदद करता हैं। इसे खाने के बाद माउथ फ्रेशनर की तरह इस्तेमाल करने से मुंह के दुर्गंघ आदि की समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है। वहीं इसे सुबह उठकर इसे पानी में उबालकर, उस पानी से कुल्ला करने से मुंह के बैक्टीरिया मर जाते हैं और मुंह साफ हो जाता है। इसके अलावा सेज को अगर लौंग के साथ उबालकर कुल्ला करें तो इससे दांतों के दर्द में आराम मिलता है।
वजन घटाने के लिए
ज्यादा फाइबर वाली चीजों को खाने से वजन कम हो जाता है। दरअसल फाइबर पाचन क्रिया को धीरे कर देता है, जिससे भोजन को पचाने में समय लगता है और भूख कम लगती है। इसलिए, अगर आप वजन घटाना चाहते हैं, तो फाइबर का सेवन कर सकते हैं। वहीं, सेज में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसलिए लोग पेट को भरा रखने के लिए सेज के सेवन करते हैं ताकि हमें भूख कम लगे।
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एंटीबायोटिक प्रभाव
सेज का तेल भी कई गुणों से संपन्न होता है। इसमें एंटीबायोटिक गुण होते हैं। सेज के एंटीबायोटिक गुण के कारण बैक्टीरिया को दूर रखने में मदद मिल सकती है। सर्दी-खांसी या गले में खुजली की परेशानी के दौरान सेज बहुत लाभदायक होता है। इसे आप ताजा-ताजा तोड़ कर खाकर, मौसमी इंफेक्शन से दूर रह सकते हैं।
मीनोपॉज के दौरान
महिलाओं में मीनोपॉज के दौरान उन्हें काफी परेशानियां होती हैं।मीनोपॉज की स्थिति में जब मासिक धर्म का आना बंद हो जाता है तो महिलाओं को कमजोरी और जोड़ों में दर्द आदि की परेशानी होती है। ऐसे में सेज का इस्तेमाल कर कमजोरी और दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। आप सेज का सिरप बनाकर या उसे पीस कर खाने से भी आराम पा सकती हैं। सेज का तेल भी जोड़ों में लगाकर से काफी फायदा होता है। बहुत पूराने दर्द में भी इसे गर्म कर के लगाने से दर्द से आराम मिल जाता है।
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त्वचा के लिए भी है लाभदायक
सेज का एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा के रेडिकल्स को खत्म कर त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। इसके अलावा सेज में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी, और एंटी बायोटिक गुण पाए जाते हैं। सेज के पत्तों को पीसकर मुंह पर लगाने से या उबालकर उस पानी को ठंडा करके मुंह धोने से चेहरे के दाग-घब्बे साफ हो जाते हैं।
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