Doctor Verified

सैलून में हेयर वॉश के दौरान महिला को हुआ ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम, डॉक्टर से जानें इसके कारण-लक्षण

50 साल की महिला की सैलून में शैंपू कराने के दौरान तबीयत बिगड़ी। डॉक्टर ने इसका कारण ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम को बताया है।
  • SHARE
  • FOLLOW
सैलून में हेयर वॉश के दौरान महिला को हुआ ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम, डॉक्टर से जानें इसके कारण-लक्षण


हैदराबाद में हाल में ही एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 50 साल की महिला को सैलून में हेयर वॉश कराने के बाद स्ट्रोक जैसे लक्षण नजर आने लगे। महिला का इलाज करने वाले अपोलो हॉस्पिटल के डॉक्टर सुधीर कुमार ने इस स्थिति को ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम बताया। उन्होंने लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से ट्वीट किया, "मैंने हाल में ही एक महिला को देखा, जिसे पार्लर में बाल शैंपू कराने के दौरान अचानक चक्कर आने, उल्टी और मतली की समस्या शुरू हो गई। शुरुआत में महिला को गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट (पेट का डॉक्टर) के पास ले जाया गया लेकिन उसके लक्षणों में सुधार नहीं हुआ। इसके अगले दिन जब उसे चलने में परेशानी होने लगी, तो उसे मेरे पास लाया गया। MRI के जरिए इस बात का पता चला कि महिला को स्ट्रोक हुआ था।"

अब आपके मन में भी सवाल उठ रहा होगा कि क्या वाकई सैलून में हेड वॉश कराना इतना खतरनाक हो सकता है कि व्यक्ति को स्ट्रोक हो जाए या फिर ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम क्या है? इन सवालों के जवाब के लिए हमने बात की गुरुग्राम के पारस हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजी यूनिट हेड और सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रजनीश कुमार से। आइए जानते हैं उन्होंने इस बारे में क्या बताया।

क्या है ब्यूटी पार्लर सिंड्रोम

ब्‍यूटी पार्लर या सैलून में शैंपू और कंडीशनर से हेयरवॉश कराना सबको अच्‍छा और आरामदायक लगता है लेकिन क्‍या कभी हेडवॉश कराते वक्‍त गर्दन में दर्द या असुविधा महसूस होती है। डॉ. रजनीश का मानना है कि सैलून में सिर धोने के दौरान गर्दन का हाइपरेक्‍स्‍टेंशन वास्‍तव में कई बार स्‍ट्रोक का कारण बन सकता है। इसे ब्‍यूटी पार्लर स्‍ट्रोक सिंड्रोम कहा जाता है। गर्दन को पार्लर के कठोर बेसिन में अधिक देर तक रखने के कारण ये समस्‍या उत्‍पन्‍न हो सकती है। ये सिंड्रोम 50 से अधिक उम्र की महिलाओं में अधिक देखने को मिल सकता है। 

इसे भी पढ़ें- सर्दियों में बढ़ता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा, न्यूरोलॉजिस्ट से जानिए इसके कारण, लक्षण और बचाव के टिप्स

हेडवॉश के दौरान कैसे आ सकता है स्‍ट्रोक?

जब महिलाएं बाल धोने के लिए अपने सिर को पीछे की ओर मोड़ती हैं, तो गर्दन का हाइपरेक्‍स्‍टेंशन मस्तिष्‍क में ऑक्‍सीजन के संचार को कम कर देता है। हाइपरेक्‍स्‍टेंशन के दौरान वर्टेब्रल धमनियां सिकुड़ने लगती हैं। ऐसे में वॉश-बेसिन की ओर गर्दन मोड़ने से सिंड्रोम हो सकता है। इससे आंखों के पास ब्‍लड वेसल्‍स में आंसू आ सकते हैं, जिससे ब्‍लड क्‍लॉट हो सकता है, जो आपके मस्तिष्‍क तक जा सकता है और स्‍ट्रोक का कारण बन सकता है। शरीर के विभिन्‍न अंगों में ऑक्‍सीजन न पहुंचने के कारण डैमेज भी हो सकता है। 

beauty parlor syndrome

लक्षणों को न करें नजरअंदाज

हेडवॉश के दौरान महिला को चक्‍कर आना, मितली और उल्‍टी के लक्षण महसूस हो सकते हैं। ब्‍यूटी पार्लर स्‍ट्रोक सिंड्रोम के शुरुआती लक्षण वास्‍तविक स्‍ट्रोक से अलग हो सकते हैं। शुरुआत में हाथों में अस्थिरता, माइग्रेन पेन, सिरदर्द, धुंधला दिखाई देना और गर्दन में सूजन आ सकती है। 

इसे भी पढ़ें- इन 8 कारणों से आपको किसी भी उम्र में हो सकता है स्ट्रोक,जानें बचाव के उपाय

कहीं भी हो सकता है सिंड्रोम

इस तरह का सिंड्रोम लोगों को तब भी हो सकता है जब वे डेंटिस्‍ट के पास हों, टेनिस खेल रहे हों, कायरोप्रैक्टिक नेक से गुजर रहे हों या योग कर रहे हों। एक्‍सपर्ट्स का मानना है कि ये सिंड्रोम सामान्‍य नहीं है। ये उन लोगों को अधिक होता है, जो कनेक्टिव टिशू या किसी तरह की कमजोरी का सामना कर रहे हों। 

क्या पार्लर में हेडवॉश करना बंद देना चाहिए

पार्लर में हेडवॉश के दौरान लंबे समय तक गर्दन पीछे की ओर झुकी रह सकती है, जो स्‍ट्रोक का कारण बन सकती है। स्‍ट्रोक से बचने के लिए पार्लर में हेडवॉश कराना कम किया जा सकता है। इसके अलावा 10-15 मिनट से अधिक सिर को झुकाए न रखें। सैलून में हेडवॉश करते वक्‍त गर्दन के नीचे कोई पैड या तौलिया लगाई जा सकती है जिससे गर्दन को सपोर्ट मिल सके। इस सिंड्रोम की पहचान करके इसका उपचार किया जा सकता है।

Read Next

क्या आप भी करते हैं माउथवॉश का प्रयोग? जान लें इसके ज्यादा इस्तेमाल के 5 नुकसान

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version