Bad Habits That Increase Tarter Build Up in Teeth: खराब जीवनशैली और खानपान का स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। खानपान और जीवनशैली के सही ना होने से का असर हमारे दांतों पर भी पड़ता है। दांतों की सही देखभाल ना होने से टार्टर की समस्या आ जाती है। एक बार दांतों पर टार्टर के बन जाने पर इसे हटाना बहुत मुश्किल काम हो जाता है। इसे हटाने के लिए डेंटिस्ट का सहारा लेना पड़ता है। हम आपको कुछ ऐसी आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके दांत पर टार्टर बनाने का काम करती है। इन आदतों को आप आज से ही छोड़ दें, वरना इससे आपके दांतों पर टार्टर बन सकता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
टार्टर क्या है?- What is Tarter
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर टार्टर होता क्या है। खाद्य पदार्थों की वजह से दांतों में पीलापन जमा हो जाता है, जिसे प्लैक कहते हैं। जब ये प्लैक जिद्दी होकर दांतों में चिपकता है तो इसे ही टार्टर कहा जाता है। ये टार्टर दांतों को बिलकुल खराब कर देता है। इसकी सफाई ना होने से मसूड़ों की बीमारी और दांतों में सड़न हो जाती है। दांतों में चिपका ये टार्टर दांतों की जड़ों को कमजोर बनाता है।
दांतों पर टार्टर बनने का काम करती है ये 5 आदतें- Habits That Increase Tarter Build Up in Teeth
चलिए अब जानते हैं उन आदतों को बारे में जो दांतों पर टार्टर बनने का काम करती है-
1. ठीक से ब्रश ना करना
ठीक तरह से ब्रश ना करने से दांतों पर टार्टर बन जाता है। खाए गए खाद्य पदार्थों की जब अच्छे से सफाई नहीं होती है तो वे दांतों पर चिपके रहते हैं। इससे दांतों में पीलापन आ जाता है, जो प्लैक के रूप में जाना जाता है। ठीक से ब्रश ना करने से ये टार्टर का रूप ले लेते है। बहुत से लोग जल्दबाजी के चक्कर में अच्छे से ब्रश नहीं कर पाते है। लेकिन ये आदत दांतों पर टार्टर का कारण बन जाती है। इसलिए दांतों की सफाई के लिए अच्छे से ब्रश करना बहुत जरूरी है।
2. मीठे
चीनी की उच्च सांद्रता वाले खाद्य पदार्थ से दांंतों पर टार्टर बन जाता है। मीठे खाद्य पदार्थों को खाने के बाद दांतों को ठीक से साफ नहीं किया जाता है, तो भोजन प्लाक के रूप में रह जाता है। बाद में यह कठोर होकर टार्टर बन जाता है। इसी कारण शर्करा युक्त पेय, चॉकलेट और अन्य मीठी चीजों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
3. दांतों की कोई जांच ना कराना
दांंतों की लंबे समय तक जांच ना कराने से दांतों में टार्टर की समस्या आ सकती है। दांतों में मैल इकट्ठा होता रहता है जो पहले प्लैक बाद में टार्टर बनने का काम करता है। अगर लंबे समय तक दांतों की कोई जांच नहीं कराई जाती है तो दांतों मे टार्टर बन जाता है। फिर इस जिद्दी टार्टर को हटाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए समय समय पर दांतों की जांच कराते रहना चाहिए।
4. लंबे समय तक पुराने ब्रश का इस्तेमाल करना
लंबे समय तक पुराने ब्रश का इस्तेमाल करने से भी टार्टर की समस्या आ जाती है। दरअसल, पुराना ब्रश दांतों की अच्छे से सफाई नहीं कर पाता है। इस कारण दांतों में जमा गंदगी ठीक से साफ नहीं हो पाती है। गंदगी के साफ ना होने से दांतों में टार्टर बन जाता है।
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5. फ्लॉसिंग ना करना
फ्लॉसिंग के ना करने से भी दांतों में टार्टर की समस्या हो जाती है। दरअसल, दांतों के बीच में फंसी गंदगी को ब्रश से भी नहीं निकाला जा सकता है। ऐसे में गंदगी के जमा होने से टार्टर की शिकायत हो जाती है। इसलिए समय समय पर फ्लॉसिंग भी करते रहना चाहिए।
आपकी ये खराब आदतें दांतों पर टार्टर का निर्माण होने का कारण बन सकती हैं। आज ही इन आदतों से किनारा कर लें। उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।