Ayurvedic Treatment Of Fistula: भगंदर एक गंभीर बीमारी है, अंग्रेजी में इसे फिस्टुला कहते हैं। इस बीमारी में पेट दर्द और मलत्याग करते समय परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस बीमारी में गुदा मार्ग के पास छोटी-छोटी फुंसियां और सुरंग जैसा बन जाता है। दरअसल, गुदा मार्ग के पास नसों में जोड़ आने की वजह से यह समस्या होती है। भगंदर में मरीजों को डाइट और लाइफस्टाइल का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जब यह बीमारी पूरी तरह विकसित हो जाती है, तो इससे रोगी को बैठने, लेटने और शौच करते समय दर्द होता है।भगंदर रोगियों को चलने-फिरने और सीढ़ियां उतरने-चढ़ने में भी काफी परेशानी होती है। लोग इससे छुटकारा पाने के लिए तरह-तरह की दवाएं और घरेलु नुस्खे आजमाते हैं, लेकिन कुछ खास फायदा नहीं मिलता है। वैसे तो इस बीमारी में सर्जरी ही सबसे अच्छा इलाज माना जाता है, लेकिन आयुर्वेदिक और देसी उपायों को अपनाने से भी आपको फायदा मिल सकता है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं भगंदर के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में।
भगंदर का आयुर्वेदिक इलाज क्या है?- Ayurvedic Treatment Of Fistula in Hindi
भगंदर की बीमारी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाती है, लेकिन खानपान और जीवनशैली का ध्यान रखने से इस बीमारी में परेशानियों से छुटकारा मिलता है। इस बीमारी में फाइबर और प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों का सेवन करने से फायदा मिलता है। आयुर्वेदिक इलाज से भगंदर के मरीजों की परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है। कई आयुर्वेदिक डॉक्टर इलाज से इसे पूरी तरह ठीक करने का दावा भी करते हैं।
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आइये आरोग्यं हेल्थ सेंटर के आयुर्वेदिक डॉ. एस के पांडेय से जानते हैं भगंदर के देसी और आयुर्वेदिक इलाज के बारे में-
1. त्रिफला सेंक
आयुर्वेद में भगंदर का इलाज करने के लिए त्रिफला सेंक का प्रयोग किया जाता है। इस बीमारी में त्रिफला से प्रभावित हिस्से की सफाई की जाती है। दरअसल, डॉक्टर कहते हैं कि भगंदर की समस्या में आप गुदा के आसपास के प्रभावित हिस्से को जितना साफ रखते हैं, उतना ही फायदा मिलता है।
2. गर्म पानी से भगंदर का इलाज
गर्म पानी में कुछ जड़ी-बूटियों को डालकर भी भगंदर का इलाज किया जाता है। इसमें मरीजों को गर्म पानी के टब में बिठाया जाता है। इलाज का मकसद प्रभावित हिस्से की सिंकाई और साफ-सफाई को ठीक रखना होता है। इस इलाज से मांसपेशियों में तनाव कम होता है और इससे दर्द कम करने में मदद मिलती है।
3. क्षार सूत्र इलाज
इस प्रक्रिया में डॉक्टर एक औषधीय धागे की मदद से भगंदर का उपचार करते हैं। यह एक तरह से आयुर्वेदिक सर्जरी की तरह है। जिसमें रोगी को दर्द नहीं होता है। धागे को इस्तेमाल से पहले कई जड़ी-बूटियों से निर्मित किया जाता है।
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इन देसी और आयुर्वेदिक इलाज के माध्यम से भगंदर के मरीजों का इलाज किया जा सकता है। आयुर्वेद में पुराने समय से ही इन इलाज को अपनाया गया है। भगंदर में इलाज के साथ ही लाइफस्टाइल में बदलाव करने से बहुत फायदा मिलता है। हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करने से भगंदर का उपचार सफलता पूर्वक किया जा सकता है।
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