कोरोना से ठीक होने के बाद सता रही है थकान, तो घर पर आजमाएं ये आयुर्वेदिक नुस्खे

कोविड मरीज़ ठीक होने के बाद थकावट और बदनदर्द महसूस करते हैं। इस थकान को मिटाने में प्राकृतिक, आयुर्वेदिक व घरेलु नुस्खे  सक्षम हैं। 

Meena Prajapati
Written by: Meena PrajapatiUpdated at: May 12, 2021 18:13 IST
कोरोना से ठीक होने के बाद सता रही है थकान, तो घर पर आजमाएं ये आयुर्वेदिक नुस्खे

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कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना के जो लक्षण (Corona Symptoms) लोगों में दिखाई दिए वे पहली लहर से ज्यादा गंभीर है। पिछले साल जो कोरोना आया था उसकी गंभीरता उतनी नहीं थी जितनी इस साल वाले की है। यह कोरोना (Corona in india) होने के पहले भी और बाद में भी सताता है। जिन लोगों को दूसरी लहर के कोरोना के जो लक्षण दिखाई देते हैं वे ज्यादा गंभीर नहीं होते, लेकिन एक से दो दिन में मरीज के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। तो वहीं, इस कोरोना से ठीक होने के बाद बदन में दर्द और थकावट महसूस होती है। इस थकावट को दूर करने के लिए डॉक्टरों का कहना है कि मल्टीविटामिन खाएं। लेकिन बहुत से मरीज दवाएं खा-खाकर परेशान हो गए हैं।  पर फिर भी दवाओं का कोर्स करना बहुत जरूरी है। कोविड से ठीक होने के बाद जो थकान और कमजोरी महसूस होती है, उसका उपाय आयुर्वेद में भी है। हम यहां आपको वे आयुर्वेदिक तरीके बता रहे हैं जिन्हें आप घर बैठे इस्तेमाल कर सकते हैं और अपनी कोविड के बाद की थकान और बदन दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। 

कोविड के बाद क्यों होता है बदन दर्द

वेदास क्योर के फाउंडर और डायरेक्टर विकास चावला का कहना है कि ज़्यादातर कोविड मरीज़ ठीक होने के बाद थकावट और बदनदर्द महसूस करते हैं और कुछ मामलों में वे जोड़ों के दर्द की शिकायत भी करते हैं | इसका कारण यह है कि कोरोना वायरस इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरोधक क्षमता पर काफी प्रभाव डालता है और उसके कारण होने वाला बुखार शरीर को काफी कमज़ोर बना देता है, जो मरीज़ कोविड के दौरान अधिक खांसी और जुकाम का सामना करते हैं, वे ठीक होने के बाद भी काफी थकान महसूस करते हैं। डॉक्टर का कहना है कि आम तौर पर हम लोगों को प्राकृतिक, आयुर्वेदिक व घरेलु नुस्खे बताते हैं जो इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए सक्षम हैं। तो आइए डॉक्टर विकास से समझते हैं कि वे कौन से आयुर्वेदिक नुस्खे हैं जिनसे कोविड के बाद की थकान को मिटाया जा सकता है। 

कोविड के बाद की थकान को मिटाने के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे 

अश्वगंधा

डॉक्टर विकास का कहना है कि आयुर्वेद में अश्वगंधा सबसे ज़्यादा लाभदायक जड़ी बूटियों में से एक है और किसी भी प्रकार के दर्द व थकान से प्राकृतिक रूप से आराम पाने के लिए इसे सबसे श्रेष्ठ माना जाता है ।  अश्वगंधा को अडाप्टोजेनिक हर्ब भी कहा जाता है क्योंकि ये शारीरिक व मानसिक तनाव को दूर करने के लिए अच्छा मानी जाती है | 

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कैसे इस्तेमाल करें अश्वगंधा

अश्वगंधा दो तरीके से ली जा सकती है - टेबलेट और पाउडर के रूप में। बाजार  में 1000 एमजी की अश्वगंघा टेबलेट्स आसानी से मिल जाती हैं | अश्वगंधा पाउडर भी बाजार में आसानी से मिलने वाली चीज है। इसको लेने का तरीका है कि 1.5 कप पानी में 1 चम्मच डालकर गरम कर लें और छान कर पी लें।  ये सेहत के लिए गुणकारी है।

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शिलाजीत 

शिलाजीत भी शरीर को ऊर्जा व ताकत देने के लिए अच्छा माना जाता है | इसके इलावा मोरिंगा हर्ब को प्राकृतिक एनर्जी बूस्टर माना जाता है | जो व्यक्ति शरीर में थकावट महसूस करते हैं वे शरीर, दिमाग व मन को तंदरुस्त और ताज़ा रखने के लिए पिंडखजूर और च्यवनप्राश का सेवन भी कर सकते हैं | एक चुटकी हल्दी को दूध में मिलाकर लेने से भी इम्युनिटी व एनर्जी बढ़ती है |

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शिलाजीत का प्रयोग

शिलाजीत को बनने में समय लगता है। यही वजह है कि यह बाजार में महंगा बिकता है। शिलाजीत का अलग-अलग बीमारियों में अलग प्रयोग है,लेकिन यहां हम बदनदर्द और थकावट की बात कर रहे हैं तो आप शिलाजीत औ दूध को साथ ले सकते हैं। प्योर शिलाजित पाउडर के रूप में नहीं पाई जाती, यह हमेशा किसी दूसरी जड़ी बूटी के साथ मिली होती है इसलिए अच्छे परिणाम के लिए इसकी टेबलेट लेना ही बेहतर है |  

पीपल का गोंद

पीपल के पेड़ की गोंद थकान और कमजोरी मिटाने का सबसे अच्छा कारगर उपाय है। कोरोना के समय में जब चारों तरफ ऑक्सीजन की कमी होने लगी तब सोशल मीडिया पर यह दावे किए जाने लगे कि पीपल का पेड सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देता है। पेड़ हमें कई बीमारियों से बचाते हैं और जीवन दान देते हैं, कोरोना के समय में यह बात पुष्ट हो गई है। 

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ऐसे करें प्रयोग

छोटी पीपल अच्छे से पीस कर पाउडर बना लें और पानी में मिलाकर काढ़े की तरह सेवन करें | इसमें आप काली मिर्च  और सौंफ भी डाल सकते हैं | यह सूखी खांसी के लिए भी बहुत फायदेमंद है | 

कद्दू के बीज

कद्दू कहने में बहुत आम लगता है। लेकिन इस कद्दू का प्रयोग शहरी लोग बेशक न जानते हों, पर ग्रामीण बखूबी जानते हैं। ग्रामीण इलाकों में मेडिकल सुविधाएं उतनी दुरुस्त नहीं हैं जितनी शहरों में हैं। यही वजह है कि उन लोगों ने अपने नुस्खे इजात किए हैं। कद्दू के बीज शारीरिक और मानसिक कमजोरी मिटाने में सहायक है। 

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ऐसे करें प्रयोग

कद्दू के बीज को अच्छे से पीस लें और पाउडर बना कर एक गिलास पानी में डाल कर पीना फायदेमंद है |

तुलसी

आयुर्वेद में तुलसी का विशेष महत्त्व है। इस तुलसी के प्रयोग से कई रोग समाप्त होते हैं। कोरोनाकाल में तुलसी का काढ़ा बहुत प्रसिद्ध हो रहा है। लोग इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए तुलसी का काढ़ा पी रहे हैं। यह सच है कि तुलसी एक नेचुरल इम्युनिटी बू्स्टर है। इसलिए अगर आपको भी कोविड के बाद थकान महसूस हो रही है तो तुलसी का प्रयोग कर सकते हैं। 

ऐसे करें प्रयोग

तुलसी के बीज बहुत लाभदायक होते हैं | इनको अच्छे से पीस कर इनका पाउडर शहद के सायह लेना बहुत फायदेमंद है | यह इम्युनिटी बढ़ाने के लिए बोहत अच्छा माना जाता है | 

डॉक्टर विकास का कहना है कि इन सब घरेलु नुस्खों को अपनाने के साथ-साथ आपको अपने शरीर में मौजूद विटामिन, मिनरल और हीमोग्लोबिन की मात्रा की जांच करवाना भी ज़रूरी है | यह साधारण तौर पर एक ब्लड टेस्ट के जरिए कराया जा सकता है । विटामिन व मिनरल्स में किसी तरह की कमी महसूस होने पर आवश्यकतानुसार आहार व भोजन ले सकते हैं | जिन मरीजों को कोरोना हुआ है वे विशेष ध्यान दें कि उनके लिए आराम करना बहुत जरूरी है। दवाओं के साथ-साथ अपनी डाइट और आराम का भी ख्याल रखें। साथ ही यह भी ध्यान रखें यहां बताए गए आयुर्वेदिक नुस्खे विशेषज्ञ के दावे हैं। इस पर ओन्ली माई हेल्थ कोई पुष्टि नहीं करता है। 

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