मौसम में बदलाव होते ही लोगों को संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। आयुर्वेद में हमें सेहतमंद रहने के लिए कई सलाह दी गई हैं। इन सलाह पर अमल करके संक्रमण से सुरक्षा मिल सकती है। दरअसल, शरीर में वात, पित्त और कफ कुपित होने से कई तरह के रोग शुरू हो सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार हर व्यक्ति के शरीर की प्रकृति अलग-अलग होती है। कुछ लोगों के शरीर में कफ, कुछ के पित्त और कुछ के शरीर में वात की प्रवृत्ति अधिक हो सकती है। इन तीनों में से किसी भी तत्व की अधिकता या कमी से लोगों को संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही, इस समस्या में पाचन क्रिया पर भी प्रभाव पड़ सकता है। ओनलीमायहेल्थ डॉक्टर व आयुर्वेदाचार्यों से संपर्क कर अपने पाठकों के लिए उपयोगी लेख लंबे समय से लेकर लाता रहा है। इस कड़ी में हमने एक सीरीज शुरू की है जिसका नाम है "अरोग्य विद आयुर्वेद"। इस सीरीज में हम आपने पाठकों के लिए आयुर्वेदिक पद्धतियों, इलाज के तरीकों, खान-पान से जुड़े नियमों आदि की जानकारी साझा करते हैं, जिसे हमारे साथ आयुर्वेद की प्रैक्टिस कर रहे आयुर्वेदाचार्य और डॉक्टर शेयर करते हैं। आज इस सीरीज में हम बता रहें हैं कि आपको मानसून के दौरान कफ दोष कम को करने के लिए आपकी डाइट कैसी लेनी चाहिए, इस बारे में विस्तार से बताया गया है। इस विषय पर विश्वसनीय और सही जानकारी के लिए हमने आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुमन सरोज राठौड़ से बात की। उन्होंने हमें मानसून में कफ दोष को शांत करने वाली डाइट के बारे में विस्तार से बताया।
आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुमन सरोज राठौड़ बताते हैं, "बारिश के दौरान वातावरण में बदलाव होने लगता है। इसका सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। इस समय शरीर में कफ और वात का अंसतुलन होने लगता है। ऐसे में सीने में जलन, खांसी, गले में दर्द और पाचन क्रिया में समस्या हो सकती है। इस दौरान डाइट में बदलाव की सलाह दी जाती है। इस आयुर्वेदिक डाइट को फॉलो करके आप मानसून के दौरान श्वसन तंत्र में होने वाली समस्याओं से बच सकते हैं।"
मानसून में कफ दोष को कम करने के लिए आप क्या खाएं? - What To Eat In Monsoon in Kapha Dosha According To Ayurveda In Hindi
- सब्जी - भिंडी, लौकी, टिंडे, परवल
- दाल - मूंग दाल, तूर दाल, कुल्थी की दाल
- मसाले - हल्दी, जीरा, धनिया
- फल- अनार, सेब और नाशपति, आदि।
- गाय का घी।
- पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं।
मानसून में कफ दोष होने पर क्या न खाएं? - What To Avoid In Monsoon in Kapha Dosha According To Ayurveda In Hindi
कफ को दूर करने के लिए आप तले भुने खाने का सेवन न करें। साथ ही, जंक फूड से भी दूरी बनाएं। इससे कफ दोष कुपित होता है और संक्रमण होने की संभावना बढ़ सकती है। इसके अलावा, खट्टे फल खाने से बचें। कफ होने पर बार-बार चाय पीने से भी बचें। इसके अलावा, आसानी छोले, राजमा आदि को खाने से बचें।
मानसून में कफ दोष कम करने के लिए आयुर्वेदिक डाइट प्लान - Ayurvedic Diet Plan For Kapha Dosha in Monsoon In Hindi
- सुबह के समय - गुनगुना पानी पिएं।
- नाश्ते में - सेब की स्मूदी, उबली हुई सब्जियां जैसे ब्रोकली, तोरई या अन्य
- दिन के समय - मूंग दाल की खिचड़ी, उबले हुए चावल व दाल
- शाम के समय - दालचीनी की काढ़ा, या बिना दूध वाली चाय
- रात के समय - पालक, ब्रोकली, हरी सेम, मटर, आलू, चुकंदर को उबाल कर खाएं।
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मानसून में स्वस्थ रहने के लिए डाइट में बदलाव करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान आप योगासनों की मदद से शरीर के दोषों को कम कर सकते हैं। आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार सुबह के समय अनुमोल-विलोम, मेडिटेशन, प्राणायाम करके आप शरीर के सभी प्रकार दोषों को शांत कर सकते हैं। इस दौरान आप पर्याप्त नींद लें। साथ ही, बारिशों के मौसम में दोपहर के समय नींद लेने से बचें। इस दौरान आप किसी भी तेल से सिर की हल्की मसाज कर सकते हैं। साथ ही, एयर कंडीशनर की हवा में रहने बचें। इसी तरह के उयोगी लेख पढ़ने के लिए आप हमारी सीरीज "आरोग्य विद आयुर्वेद" से जुड़े रहें। इससे जुड़े आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.onlymyhealth.com के साथ जुड़े रहें। इस आर्टिकल को अपने दोस्तों और परिचितों के साथ जरूर शेयर करें।