मसालेदार चटपटा खाना किसे पसंद नहीं, ज्यादातर महिलाओं को तो चटपटा खाना ही पसंद होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं चटपटा, मसालेदार खाना खाने से आप पेट की जलन यानी एसीडिटी से परेशान से हो सकते हैं। एसीडिटी के दौरान कई बार पेट में इतनी जलन होती है मानो कि पेट में आग लग गई है। एसीडिटी का इलाज भी संभव है लेकिन उसके लिए आपको चटपटे खाने से तौबा करनी होगी। क्या आप जानते हैं चिकित्सा की सभी पद्तियों में एसीडिटी का र्इलाज मौजूद है। आयुर्वेद में है ईलाज, होम्योपपैथी, एैलोपैथी और घरेलू नुस्खों से भी आप एसीडिटी से छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानें एसीडिटी के लिए आयुर्वेदिक ईलाज के बारे में।
के कारण और लक्षण
नियमित रूप से चटपटा मसालेदार और जंकफूड का सेवन, अधिक एल्कोहल और नशीले पदार्थों का सेवन, लंबे समय तक दवाईयों का सेवन, शरीर में गर्मी बढ़-बढ़ जाना, बहुत देर रात भोजन करना, भोजन के बाद भी कुछ न कुछ खाना या लंबे समय तक भूखे रहकर एकदम बहुत सारा खाना खाना एसिडिटी के मुख्य कारण होते है। एसीडिटी के तुरंत बाद अक्सर पेट में जलन होने लगती है। कड़वी और खट्टी डकारें आना, लगातार गैस बनना और सिर दर्द की शिकायत, उल्टी होने का अहसास और खाने का बाहर आने का अहसास होना, थकान और भारीपन महसूस होना आदि इसके लक्षण माने जाते है।
आयुर्वेद से एसीडिटी का इलाज
आंवला चूर्ण को एक महत्वपूर्ण औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। आपको एसीडिटी की शिकायत होने पर सुबह- शाम आंवले का चूर्ण लेना चाहिए। अदरक के सेवन से एसीडिटी से निजात मिल सकती हैं, इसके लिए आपको अदरक को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर गर्म पानी में उबालना चाहिए और फिर उसका पानी अदरक की चाय भी ले सकते हैं। मुलैठी का चूर्ण या फिर इसका काढ़ा भी आपको एसीडिटी से निजात दिलाएगा इतना ही नहीं गले की जलन भी इस काढ़े से ठीक हो सकती है।नीम की छाल को पीसकर उसका चूर्ण बनाकर पानी से लेने से एसीडिटी से निजात मिलती है। इतना ही नहीं यदि आप चूर्ण का सेवन नहीं करना चाहते तो रात को पानी में नीम की छाल भिगो दें और सुबह इसका पानी पीएं आपको इससे निजात मिलेगी। मुनक्का या गुलकंद के सेवन से भी एसीडिटी से निजात पा सकते हैं, इसके लिए आप मुनक्का को दूध में उबालकर ले सकते हैं या फिर आप गुलकंद के बजाय मुनक्का भी दूध के साथ ले सकते हैं।
अधिक मात्रा में पानी पीने, दोपहर के खाने से पहले पानी में नींबू और मिश्री का मिश्रण, नियमित रूप से व्यायाम और दोपहर और रात के खाने के बीच सही अंतराल आदि सावधानियों से एसिडिटी की समस्या से बचा जा सकता है।
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