पैरेंट्स की उम्र में अधिक अंतर से बच्‍चों को ऑटिज्‍म का खतरा

न्यूयार्क के माउंट सिनाई स्थित इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन द्वारा किये गये अध्‍ययन में यह बात सामने आयी है कि पैरेंट्स की उम्र अधिक अंतर होने से बच्‍चों में ऑटिज्‍म का खतरा अधिक होता है।
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पैरेंट्स की उम्र में अधिक अंतर से बच्‍चों को ऑटिज्‍म का खतरा


अगर माता-पिता की उम्र में अधिक अंतर है तो इसका असर बच्‍चे पर पड़ सकता है और उसे ऑटिज्‍म होने का खतरा अधिक होता है। न्‍यूयार्क में हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आयी।

Autism Risk in Children in Hindiअपने से 10 साल या इससे अधिक छोटे जीवनसाथी से शादी करने वालों लोगों के बच्चों में ‘ऑटिज्म’ का खतरा अधिक होता है। इस अध्ययन के तहत पांच देशों में 57 लाख बच्चों को शामिल किया गया। इसमें उम्रदराज माता-पिता और किशोर माता-पिता के बच्चों में ऑटिज्म का ज्यादा खतरा पाया गया।

न्यूयार्क के माउंट सिनाई स्थित इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन से संबद्ध महामारी विशेषज्ञ स्वेन सांडिन ने बताया कि हालांकि पैरेंट्स की उम्र ऑटिज्म के लिए एक वजह है इसलिए यह याद रखना जरूरी है पर उम्रदराज या कम उम्र के माता-पिता से जन्में बच्चे सामान्य रूप से विकसित होते हैं।

शोधकर्ताओं के मुताबिक 50 साल से अधिक उम्र के पिता से जन्में बच्चों में ऑटिज्म की दर 66 फीसदी अधिक पाई गई जबकि 20 से 30 साल के पिता के बच्चों की तुलना में 40 से 50 साल के पिता के बच्चों में 28 फीसदी अधिक पाई गई। उन्होंने यह भी पाया कि 20 से 30 साल के बीच की माताओं की तुलना में किशोर माताओं से जन्में बच्चों में ऑटिज्म की दर 18 प्रतिशत अधिक मिली।

20 से 30 साल की उम्र वाली माताओं की तुलना में 40 से 50 साल के बीच माताओं से जन्में बच्चों में ऑटिज्म की दर 15 फीसदी अधिक रही। अध्ययन में यह भी पाया गया कि माता पिता की उम्र में अंतर बढ़ने के साथ साथ ऑटिज्म की दर में भी वृद्धि पाई गई।

35 से 44 साल के पिता में और माता पिता के उम्र अंतराल में 10 साल या इससे अधिक अंतर होने पर इसकी दर सर्वाधिक है। वहीं, 50 साल से अधिक के पिता से जन्मे बच्चों में यह जोखिम अधिक है। यह अध्ययन मोल्यूकुलर साइकेट्री जर्नल में प्रकाशित हुआ।

 

Image Source - Getty

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