अस्थमा से बचने के लिए घर को रखें एलर्जी प्रूफ, अपनाएं ये टिप्स

अस्‍थमा के रोगियों को घर के अंदर और बाहर स्वयं को धूल से बचाने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।
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अस्थमा से बचने के लिए घर को रखें एलर्जी प्रूफ, अपनाएं ये टिप्स


अस्‍थमा के रोगियों को घर के अंदर और बाहर स्वयं को धूल से बचाने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। चिकित्सकों का मानना है कि वातावरण में हो रहे बदलाव के कारण अस्‍थमा के रोगियों में श्वास संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में दमा रोगियों को कुछ खास बातों पर ध्यान देना चाहिए:

घर में साफ सफाई

ऐसी जगहों पर खास साफ सफाई रखें जहां धूल ज्यादा जमती है। क्योंकि दमा पैदा करने वाले एलर्जेन आपको नुकसान पहुंचा सकते है। घर के अंदर और बाहर वातावरण में मौजूद नमी आपके लिए मुसीबत का सबब बन सकती है। दिन में घर के अंदर धूप आने दें और शाम होते ही खिड़कियां और दरवाज़े बंद कर दें, जिससे वायु की गुणवत्ता बनी रहे।

छत को रखें साफ

अगर आप अस्थमा पीड़ित हैं और ज्यादातर वक्त घर में रहते हैं तो ध्यान रखें कि कमरों और हॉल की सफाई के साथ ही छत की सफाई करना भी बहुत जररूरी है। छत पर झाड़ू लगाने के बजाय पानी से धुलाई करें। इससे घूल भी नहीं उड़ेगी और छत साफ भी हो जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि छत की गंदगी कहीं ना कहीं हमारे कमरों से होते हुए हम तक पहुंचती है। इसलिए छत की सफाई जरूर करें।

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अस्थमा अटैक से बचने के अन्य टिप्स

  • अपना इन्हेलर हमेशा अपने पास रखें।
  • एसी या पंखे के बिलकुल नीचे ना बैठें।
  • धूल भरे वातावरण से ढककर रखें।
  • घर और बाहर तापमान में परिवर्तन से सावधान रहें।
  • ज्या‍दा गर्म और ज्यादा नम वातावरण से बचें क्योंकि ऐसे में मोल्ड स्पोर्स के फैलने की सम्भावना भी बढ़ जाती है। आंधी और तूफान के समय घर से बाहर ना निकलें । अस्थमा को नियंत्रित रखें और अपनी दवाएं हमेशा साथ रखें । 
  • अगर आपका बच्चा अस्थमैटिक है तो उसके दोस्तों व अध्यापक को बता दें कि अटैक की स्थिति में क्या करें । 
  • हो सके तो अपने पास स्कार्फ रखें जिससे आप हवा के साथ आने वाले पालेन से बच सें ।
  • घर के अंदर किसी प्रकार के धुंए से बचें और रात को खिड़कियां खोलकर सोने के बजाय ए सी चला दें ।

अपना सकते हैं ये घरेलू उपचार

अदरक और लहसुन

अदरक और लहसुन दोनों ही अस्‍थमा के इलाज में फायदेमंद होते हैं। अस्‍थमा की शुरुआती अवस्‍था में 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबाल कर इस मिश्रण का रोजाना सेवन करने से लाभ मिलता है। इसके अलावा अदरक की गर्म चाय में लहसुन की दो कलियां मिलाकर सुबह-शाम पीकर भी अस्‍थमा को नियंत्रित किया जा सकता है।

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अजवाइन है लाभदायक

आधा कप अजवाइन का रस और इसमें उतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर सुबह और शाम भोजन के बाद लेने से अस्‍थमा नष्ट हो जाता है। अस्‍थमा से बचाव के लिए अजवाइन के पानी से भाप लेना भी फायदेमंद होता है। इसके लिए पानी में अजवाइन डालकर इसे उबालें और पानी से उठती हुई भाप को लें। इससे श्वास-कष्ट में तुरंत राहत मिलती है।

शहद का करें इस्तेमाल

शहद को अस्‍थमा में काफी लाभदायक माना जाता है। शहद बलगम को ठीक करता है, जो अस्‍थमा की परेशानी पैदा करता है। अस्‍थमा का अटैक आने पर शहद को सूंघने से भी लाभ मिलता है। इसके अलावा दिन में तीन बार एक गिलास गुनगुने पानी के साथ शहद मिलाकर पीने से अस्‍थमा में निश्चित रूप से लाभ मिलता है।

सहजन की पत्तियां

सहजन की पत्तियों को पानी में करीब 5 मिनट तक उबाल कर छान लें। मिश्रण को हल्‍का सा ठंडा होने पर उसमें चुटकी भर नमक, एक चौथाई

मेथी भी है फायदेमंद

शरीर की भीतरी एलर्जी को दुरुस्‍त करने में मेथी काफी सहायक होती है। मेथी के कुछ दानों को एक गिलास पानी के साथ तब तक उबालें जब तक पानी एक तिहाई न हो जाए। इस पानी में शहद और अदरक का रस मिला कर रोज सुबह-शाम सेवन करें। आपको निश्‍चित लाभ होगा। अस्‍थमा के मरीज मेथी का यूं भी सेवन कर सकते हैं।

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