शोधकर्ता इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या एस्प्रिन से डिमेशिया की रोकथाम की जा सकती है। एस्प्रिन को उसकी दर्द निवारक खूबियों के लिए जाना जाता है। और वैज्ञानिक इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या इस दवा का प्रयोग न्यूरोडेूजनरेटिव बीमारियों के लिए किया जा सकता है। शुरुआत में एस्प्रिन का इस्तेमाल केवल दर्दनिवारक के रूप में किया जाता था़, लेकिन बाद में दिल के दौरे और स्ट्रोक के लिए इसके फायदे सामने आये।
अमेरिका स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने ऑस्ट्रेलिया की मोनेश यूनिवर्सिटी को एस्प्रिन की एंटी डिमेंशिया खूबी को जानने के लिए शोध करने का काम सौंपा है।
डिमेंशिया वह रोग होता है जिसमें व्यक्ति का संज्ञानात्मक क्रिया और स्मरण शक्ति नष्ट हो जाती है। उम्रदराज लोगो में यह सबसे बड़ी चिकित्सीय समस्याओं में से एक है।
बरमन सेटर फॉर आउटकम्स और क्लीनिकल रिसर्च इन मिनेअपॉलिस के साथ साझा शोध में मोनाश ने 50 मिलियन डॉलर के शोध, जिसका नाम 'एस्प्रिन इन रिड्यूसिंग इवेन्टस इन द एल्डरली' यानी रखा गया है।
इस शोध में उन्नीस हजार से ज्यादा ऑस्ट्रेलियाई मरीज शामिल हैं। एस्प्रिन रक्त प्लेटलेट्स को साथ जुड़ने से रोकने में मदद करती है। इससे दिल का दौरा पड़ने और स्ट्रोक की आशंका बेहद कम होती है। हालांकि एस्पिन में सेलिसिन होता है जो एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरी होती है।
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