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क्या मानसून में प्रेग्नेंट महिलाओं को इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है? डॉक्टर से जानें बचने के उपाय

मानसून के दिनों में प्रेग्नेंट महिला को बहुत सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि उन्हें किसी भी तरह का संक्रमण होने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है।
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क्या मानसून में प्रेग्नेंट महिलाओं को इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है? डॉक्टर से जानें बचने के उपाय

Are Pregnant Women At Risk Of Infection During Monsoon And How To Prevent In Hindi: कभी मौसम में नमी होती है, तो कभी तेज धूप निकल जाती है। इस तरह का मौसम गर्भवती महिलाओं के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। दरअसल, गर्भवती महिलाओं की इम्यूनिटी काफी कमजोर होती है। इसके अलावा, उन्हें अपने साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे का ख्याल रखना होता है। ऐसे में अगर उन्होंने इस मौसम में अपना सही तरह से ध्यान न रखा, तो उनकी तबियत खराब हो सकती है और उन्हें कई तरह के संक्रमण भी हो सकते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि इस मौसम में आपको किस तरह के संक्रमण हो सकते हैं और इससे कैसे बचें। वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता दे रही हैं इस संबंध में विशेष जानकारी।

फ्लू

pregnant women at risk of infection

बारिश के दिनामें सबसे आम संक्रमण है, फ्लू। यह बहुत आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हो सकता है। इसलिए, गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि वे फ्लू से बचने के लिए बारिश में बाहर जाने से बचें, अच्छी डाइट लें। इसके अलावा, अगर आसपास किसी व्यक्ति को फ्लू है, तो उनसे दूर रहें। उनके संपर्क में आने से बचें। ऐसा न किया गया, तो आपको भी फ्लू हो सकता है। फ्लू होने पर सर्दी, खांसी और बुखार भी हो सकता है।

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रेस्पिरेटरी इंफेक्शन

इन दिनों हवा में काफी नमी होती है, इसलिए लोगों को रेस्पिरेटरी इंफेक्शन होने का डर बना रहता है। इस तरह की समस्या गर्भवती महिला को भी हो सकता है। विशेषकर, अगर किसी गर्भवती महिला को पहले से अस्थमा है, तो उनकी स्थिति बिगड़ सकती है। इसके मुख्य लक्षणों में बुखार, खांसी और सर्दी लगना शामिल है। रेस्पिरेटरी इंफेक्शन से बचने के लिए जरूरी है कि आप भीड़ भरे इलाकों में से जाने से बचें, लगातार हाथ धोएं या सैनिटाइज करें, हाथ साफ रखें और घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनें आदि उपाय आजमाएं।

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पेट में संक्रमण

बारिश के दिनों में पानी से संबंधित बीमारियों का रिस्क बहुत ज्यादा हाता है। विशेषकर, अगर गर्भवती महिला पानी को फिल्टर करके न पिए, तो उन्हें गंदा पानी पीने की वजह से पेट संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। गंदा या दूषित पानी पीने के कारण पेट में बैक्टीरिया या वायरस घुस सकते हैं, जिनके कारण पेट दर्द, दस्त आदि समस्या को जन्म दे सकते हैं।

स्किन इंफेक्शन

चूंकि बारिश के कारण हवा में काफी ज्यादा नमी होती है। इस तरह के मौसम में स्किन एलर्जी या स्किन इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर गर्भवती महिला की इम्यूनिटी कमजोर होगी या वह पहले से ही किसी तरह की स्किन इंफेक्शन से गुजर रही होगी, तो इस मौसम में उसकी स्थिति बिगड़ सकती है। इसके अलावा, इस मौसम में रैशेज, फंगस, ईस्ट इंफेक्शन और बैक्टीरिया के कारण इंफेक्शन हो सकते हैं। इससे बचने के लिए महिला को चाहिए पानी के संपर्क में कम रहें और हाथ गीले होने पर तुरंत तौलिए से पोछें।

जॉन्डिस

हेपेटाइटिस ए एक गंभीर बीमारी है। यह भी मानसून के दिनों में ही ज्यादा होती है। हेपेटाइस ए होने पर लीवर में सूजन आ जाती है। यह खराब खान-पान की आदतें, और गंदा पानी पीने और दूषित भोजन का सेवन करने से होता है। हेपेटाइटिस होने पर आंखों का रंग पीला पड़ जाता है, पेशाब का रंग पीला होता है, मल का रंग बदल जाता है और पेट में दर्द भी हो सकता है। पीला रंग बिलीरुबिन के बढ़े हुए स्तर के कारण होता है। पीलिया के इलाज के विकल्पों के लिए तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

image credit: freepik

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