प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं शारीरिक और मानसिक बदलावों का सामना करती हैं, ऐसे में परिवार वालों को गर्भवती महिला के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। प्रेग्नेंसी से जुड़े कई निर्देश और उपाय उनके आसपास के लोग जैसे दादी-नानी या रिश्तेदार साझा करते हैं। इनमें से कई सलाह और प्रथाएं आयुर्वेद और घरेलू उपचार पर आधारित होती हैं, जो वर्षों से भारतीय संस्कृति का हिस्सा रही हैं। आज के समय में विज्ञान और चिकित्सा के विकास के बावजूद गर्भवती महिलाओं के लिए अनेक मिथक और अंधविश्वास समाज में मौजूद हैं। जैसे, प्रेग्नेंसी के दौरान गर्म पानी से न नहाने का सुझाव या केसर का सेवन करने से बच्चे का रंग गोरा होने का विश्वास। ये मान्यताएं कहीं न कहीं प्राचीन धारणाओं पर आधारित होती हैं, जिन्हें आधुनिक विज्ञान ने नकार दिया है, फिर भी इनका पालन कई जगहों पर किया जाता है।
आपको बता दें कि हमारे समाज में इसी तरह के कई मिथ या अंधविश्वास फैले हुए हैं। इसलिए, सेहत से जुड़े ऐसे ही मिथकों और अंधविश्वास के पीछे छिपे साइंस के बारे में बताने के लिए ओन्लीमायहेल्थ "अंधविश्वास या साइंस" सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के तहत हम आपको ऐसे ही अंधविश्वासों से जुड़े साइंस और वैज्ञानिक तथ्य बताने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। आज इस सीरीज में लखनऊ के मा-सी केयर क्लीनिक की आयुर्वेदिक डॉक्टर और स्तनपान सलाहकार डॉ. तनिमा सिंघल (Dr. Tanima Singhal, Pregnancy educator and Lactation Consultant at Maa-Si Care Clinic, Lucknow) से जानते हैं कि क्या वाकई प्रेग्नेंसी में गर्म पानी से नहाने पर गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान होता है?
अंधविश्वास: प्रेग्नेंसी में गर्म पानी से नहाने से गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंचता है
बहुत से लोग मानते हैं कि गर्भवती महिलाओं को गर्म पानी से स्नान नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि इससे गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इस तरह के अंधविश्वास पीढ़ी दर पीढ़ी चले आ रहे हैं, लेकिन इसके पीछे कोई ठोस वैज्ञानिक कारण नहीं है। इस अंधविश्वास के पीछे का कारण यह बताया जाता है कि गर्म पानी से गर्भ में तापमान बढ़ सकता है, जो बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है।
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साइंस
डॉक्टर तनिमा सिंघल के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दौरान गर्म पानी से नहाना ना केवल सुरक्षित है, बल्कि यह गर्भवती महिलाओं के लिए लाभदायक भी हो सकता है। डॉक्टर का कहना है कि गर्म पानी से नहाने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है, जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे को पर्याप्त मात्रा में ब्लड और ऑक्सीजन मिल पाता है, जो बच्चे के विकास में सहायक होता है। इसके अलावा, गर्म पानी से स्नान करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और तनाव कम होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत अधिक गर्म पानी से न नहाएं। सामान्य गुनगुना पानी जिसमें महिला को आराम महसूस हो, वही बेहतर होता है।
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अंधविश्वास और वैज्ञानिक तथ्यों के बीच अंतर
जहां अंधविश्वास बिना किसी वैज्ञानिक आधार के होते हैं, वहीं विज्ञान के अनुसार किसी भी एक्टिविटी के पीछे कारण और प्रमाण होने चाहिए। गर्म पानी से स्नान के मामले में भी ऐसा ही है। विज्ञान ने यह सिद्ध किया है कि गुनगुने पानी में स्नान से महिला का तनाव कम होता है, दर्द में राहत मिलती है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है।
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क्या प्रेग्नेंसी में गर्म पानी से नहाना सुरक्षित है?
यह कहना सही होगा कि प्रेग्नेंसी में गर्म पानी से नहाने से कोई नुकसान नहीं होता है, बल्कि यह महिलाओं के लिए लाभदायक हो सकता है। अंधविश्वासों के विपरीत, यह विज्ञान द्वारा सिद्ध है कि गुनगुने पानी में स्नान करने से ना केवल महिला को आराम मिलता है, बल्कि उसके शरीर में ब्लड का बहाव भी बढ़ता है, जो गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।
सावधानियां
- ज्यादा गर्म पानी से बचें। पानी का तापमान नॉर्मल से थोड़ा ज्यादा हो लेकिन बहुत गर्म न हो।
- यदि किसी महिला को हाई ब्लड प्रेशर, शुगर या अन्य समस्याएं हैं, तो डॉक्टर की सलाह लें।
- प्रेग्नेंसी में नहाने के दौरान शरीर के आराम को प्राथमिकता दें।
निष्कर्ष
अंत में यह कहा जा सकता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान गुनगुने पानी से नहाना न केवल सुरक्षित है, बल्कि लाभकारी भी है। हमें अंधविश्वास पर भरोसा करने के बजाय वैज्ञानिक तथ्यों पर ध्यान देना चाहिए और डॉक्टर की सलाह को मानना चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को सही और सटीक जानकारी मिलना जरूरी है ताकि वे अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य के लिए सही निर्णय ले सकें। इसलिए आज के दौर में यह जरूरी है कि अंधविश्वासों और मिथकों को वैज्ञानिक तथ्यों की मदद से समझा जाए और गर्भवती महिलाओं को उनकी प्रेग्नेंसी के दौरान सुरक्षित और स्वस्थ जीवन जीने की सलाह दी जाए।